पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/३१४

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संस्या ३] कोर्ट पाम् पाईस। स्पर्च कोर्ट में रियासत देने से जो लाम होता है उसे इन सब बातों पर विचार करके हमको यह हम यथास्थान दिखा चुके हैं। यहां पर हम संक्षेप कहते कुछ भी सोच नहीं कि कोर्ट में रियासत मैं उसकी पुनरावृत्ति करते है। देने से हानि की अपेक्षा लाभ ही अधिक होता है। (अ) प्रजा का विश्वस्त रहना। समस्त लाम में प्राणी Rयासतों को तो बहुत ही लाम है। इस • हम इसी को प्रथम स्थान देते हैं। स्थल पर यदि हम एक उदाहरण देकर अपने कपन (इ) प्रमा की सन्दुरुस्ती और शिक्षा प्रचार के को स्पर करें तो कदाचित् अनुचित न होगा। . प्रबन्ध का उपाय होना । प्रखएष इस थोड़े से विस्तार को पाठक क्षमा करेंगे। (उ) निकासी कर जाना। मान टीजिए कि एक ऐसी रियासत कोर्ट में (क) पड़ती अमीम का अधिकता से जुप्त साना। प्राई जिसकी प्रामदनी एक लाख रुपया साल है। (स) कुवें, सड़के, बोध, तालाव प्रादि का उसे ४५,००० रुपया मालगुमारी देनी पड़ती है, मदुतायत से बनामा। पार ५५,००० रुपये की बचत रहती है। उस पर (ग) नये ढंग की छपि का अधिक प्रचार होमा। तीन साम रुपया प्राण है। अधिकतर इससे भी (घ) मुकदमे का घट जाना। दुरी दशा को पहुँची हुई रियासतें कोर्ट में प्रासी (ब) नगराने की पुरी प्रथा का बन्द होमा। हैं। प्रा देखिए- (छ) येगार घट जाना । अपने इफ़ मान जाने से बजट । प्रजा स्ययं पेगार महीं करती। (ज) प्रण रियासतों में प्याज की दर घट जाना। _ मामदनी ४५,००० रुपया याद न सब बातों का फिर से सचिस्सर पर्गम एक लाख रुपया मालगुजारी ' किया जाय पार प्रत्येक के उदाहरण दिये जायें तो प्रबध का सर्च ८,५०० । लेस पदुत बढ़ जाने का मय है। प्रतएष हम फेयल गुजारा । यही कह कर मान-धारण करते हैं कि (3) पौर मकानात, फुले,) (अ) ही के पार्थिक मूल्य से पटी की तुलना की तालाय अादि । ४.००० - आय तो साम ही कहीं अधिक निकलेगा। प्राइवेट का सर्च ) रियासतो में प्याज की दर शम्दे से लेकर १९, १,५०० , । सैकडे तक, मामूली दशा में, और २४) से ४८) मुफदमाव का खर्च १,५०० ,, • सैकड़े मासिक पारि सक, विगदी दशा में, फुटफर स्वर्थ ५०० 'देखी खाती है। यदि मामूली दशा के प्याज का टल ७०,००० 1 पीसत लिया माय द्वारा संकड़ा होता है। इस तरह प्रामदनी में से ३०,००० रुपया साल परन्तु हम केयल १२, सैकड़ा मामे लेते है। कोर्ट प्राय सुक्र फर रियासत १४ पर्प में उमस हो 1 का प्रण कहीं कहाँ कहा-अधिक से अधिक जायगी पीर, उस समय यह कोर्ट से डेड़ दी सकहा-और एक प्राय जगह ६) सैक पर सायगा। है। इस तरह प्याज ही की कमी ६) सका । इस हिसाय में AU संकटा कोर्ट के प्रयाध में निकासी की पृद्धि भी २४ सैकदे से कम महीं अधिक सर्च हुमा । प्रतएव हानि ३,५०० रुपया हो सकती। साल. अर्थात् फुट ५२,५०० रुपये की हुई। मका-