पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/२७४

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संख्या ३] भारत के पहलमानों का विदेश में यशो-विस्तार । भारत से षिलायत ले गये-गामा, गाम् पौर इमाम- गुस्लाम के पिता रहीम को टाम से लाया । कुस्ती पश । अमेरिका के मामी पहलयान शकर मैं रहीम ही की जीत रही। टाम दूसरे ही दिन रोलर के साथ गामा की पौर स्विट्जरल। के कलकचे से रफूचकर हो गया । रहीम से परास्त मसिर पहल्यानलेम (Lemni) के साथ हमामवस्श होने पर भी यह घिस्यात मैंगरेज-पहलपान "प्रप- की कुश्ती ठहरी । दो लाख रुपया जमा करके राषित अगद्धिजयी" ( Undefantert World's Ch- इफरारमामे लिखे गये । रोलर पर लेम को पिला- ampion ) माना जाता है। यत पाले प्रजेय समझते थे।२० मिनट में गामा ने भारत को सैट कर पंजामिन साहक, १९१२ रोलर को पार १२ मिनट में इमामबदा मे लेम को ईसयो में, यहां से प्रोफेसर राममूर्ति को इंगळे रित कर दिया। यह देख कर, सारे धारप मे दांत- ले गये। साथ ही प्रहमदपरश, रहीम और गटाम पले अंगळी दवाई। गुलाम का नाम पसाप कसरी मुहीउद्दीन प्रावि युमे धुने सोलह पहलवान पर भी (The Lion of the Punjab) पीर मामा का से गये । जप से गामा विलायत गया तब से बिला- पुरुप व्याघ्र (The Panthor) रखना गया।इस पिजय यत पाले भारतीय पहरूषानों से सर से गये थे। . के उपलक्ष्य में गलाम को १५ हजार रुपया माद इस कारण यहाँ का कोई मी पहलयान इन स्लोगों . मिला । दर्शकों को टिकट देखने से जो रुपया जमा से कुश्ती लड़ने पर राजी न हुमा । फुछ दिन बाद हुआ था उसमें से मी ७० फ्री सदी उसे मिळा। प्रोस पीर स्विट्जरलैंग का प्रसिर पहा मारिस इमामवस्श ने ७ हजार पाया। टिकट की यिनी सिरियाज (Inurite Deriar) लन्दम प्राया। पह- से प्राप्त रुपये में से ७० फी सदी उसने भी पाया। मदरसा से उसकी कुश्ती दुई। अहमदरश ने उसे इसके कुछ दिन बाद भास्ट्रिया के जगहिमपी पहली दफे १६ सेकंर में पार दूसरी यफे १ मिनट पहलवान विस्को के साथ गामा की कुश्ती निश्चित में ग़मीन दिखा दी। इस पर योरप भर में प्राप्त हो । गामा ने इफरारनामे में लिखा कि एक घण्टे में सा छा गया । तष टिरियाज़ के मैनेजर मे प्रामर मैं विरफी की पीठ को अमीन विमा वंगा। पर शरीर कारपिलर (Armant Charillord) नाम के एक में मिस्को गामा से दमा था। इस कारण गामा पहेही पली पहलवान को पुष्टाया। पर अहमददश अपनी मसिहा पूर्ण न कर सका। तथापि २६ घण्टे ने उसे पार ही मिमट में पटक दिया । दुपाय छड़ने सक गामा मे उसे अपने नोचे समा । कुस्तीन के लिए उसे लोगों मे बहुत उत्साहित किया, पर निपटी। इस कारण दूसरे दिन फिर लादने की ठहरी। पार्मर में किसी की न मामी। पर पिस्का देषता दूसरे दिम यहाँ से चम्पत हा १९१३ ईसपी में मारिस सिरियाज़ के प्रयासे । गये। सदमम्सर .गुलाम के रोटे भाई इमामश पेरिस में पहलवानों का एक सम्मिलन हुमा । की कुश्ती पायरळे के पहलवान पेट कनोली रसमै सिरियाज़ को पदयो मिली-"मध्यपी धमम (Pat Courolls) के साथ हुई।माम ने हाय का उस्ताद" (Middle cight Clinmpion) पकड़ते ही पकड़ते पैट को पटक दिया। इससे सिर है कि योरप वालों की उस्साद-समा E बास दिन की बात है। अगषयी पहळपान टाम एक य घस्तु है। फैनन (Tom Cannom) दिग्विजय करने के इरादे से इंगळे में अब कोई पहलयान कुस्ती करने पर मते पामते फसमधे पाया । रुच-विहार के पनी म हुमा तप निराश हो कर गलाम मुहीउदीन वकालीम महाराज स्पेन्द्रमारायण भूप बहापुर मे इत्यादि पहलवान फोस गये । पहा मारिस. गाम्पिये