ल्या २.] भारतीय शासन-प्रणाली। "सी " AAOOL ग BY टक| समयमका अवसर नहीं पब काम का यता के लिए एक कान्सिल भी है। उसको गयर्नर रम्बार से मेलनीलू माम में भी राम जेनरल की Exerutive Council (अर्थात् शासन कर्प-सभा) कहते है। इस कौन्सिल के सभासद् , मी ५ वर्ष के लिए राजराजेश्पर ही नियत करते हैं।
- भारतीय शासन-प्रणाली।
साधारण सभासदो की संन्या ५ है । परन्तु प्रायश्यपसा पाने पर ६ सभासपू भी हो सकते हैं। इनमें एक परिस्टर होना चाहिए । तीन __ वर्नर जनरल (बड़े जाट साहव) और पैसे दोने चाहिए जिन्होंने दस वर्ष तक इस देश में उनकी कौन्सिल । सरफारी नौकरी की हो। उनको ६४,००० साल मिलता है। मेना-विभाग के प्लाट (कमान्डरसन- पर्नर जनरल भारतीय गवर्नमेन्ट के चीफ़), जिमका पद गयर्नर जेनरल फे याद समझा मधान शासफ है। इस देश आता है, इस कौन्सिल के प्रसाधारग्म समासद् F E में राजराजेश्यर के प्रतिनिधि भी कहलाते हैं। उनका येतन दो लाख रुपया साल pornt ६। इसलिप घे "याइसराय" है। इनके अमिरिक जिस प्रान्त में काम्सिल की कहलाते ६।१८के ग़दर में बैठक हो उस प्रान्त के गवर्नर भी कौन्सिल के प्रसा. इल, जय कम्पनी का राज्य था, प्रधान शासक धारण समास माने जाते है। पल गयर्नर जेनरल कहलाते थे । परन्तु जब महा- इस कान्सिल के सभापति गयर्मर जैमरस दाते नी विकोरिया में राज्य शासन अपने अधिकार में हैं। ये एक उप-समापति भी घुन लेते हैं, जो उनकी र लिया तव से यह प्रायश्यक गुमा कि एक अनुपस्थिति में समापति का पासन ग्रहण करते पान अधिकारी इस देश में गलेंट के सम्राट् का है। उप-समापत्ति का मार प्रायः सबसे पुराने तिनिधि समझा जाय । इस पर माई फेनिक, जो माधारण समास को दिया जाता है। समापति स समय गयर्नर जेनरल थे, पाइसराय निश्चित को सब काम पासम्मति से करना परता है। ए। उस समय से दोनों पदों का अधिकार एक परन्तु यदि किसी विषय पर पहुसम्मप्ति भी हो । मनुप्य को प्राप्त होता है। शासक पार नियम- जाय, पर गवर्नर सेनरल की सम्मति में उससे र्माय फर्चा की हैसियत में ये गधर्मर मेनरल कह- देश में प्रशान्ति की प्राशा हो मो, ऐसी वि है पार राजकीय शिपाचार, दरबार, येशी अयस्था में पड़े लाट साहव अपनी जिम्मेदारी पर यासत के सापारय सम्पन्ध में ये पाइसराय अपमी सम्मति के अनुसार कार्य करते विपरीत मझे माते है। सम थे काम्सिस में बैठेंगे तब सम्मति रममे पाले दो समास मी यदि घाई नकी मात्राये गयर्नर जेनरल म कम्सिस के माम तो ऐसे विषय की मुचना सेमेटरी प्राफ़ स्टेट प्रकाशित होगी, वाइसराय के नाम से महीं। (मारस-सचिय) को देनी पड़ेगी। ___ गवर्नर ओमरस की ५ पर्प के लिए रामराजेश्वर भारतीय गवर्नमेंट का कार्यक्रम इस प्रकार है। पर्य मुकर्रर करते हैं । ये 'माया पिलायत के शासन के सप काम अनेक विमागो (महफमौ) में ईस घरामो में से चुने जाते हैं। उनको २१ षिमक्त है। प्रत्येक विभाग .किसी. समासद-विशेष मस म्पया वार्षिक वेतन मिलता है। उनकी सदा- के अधीन रहता है । जिस दिमाग के जिवने कार्यय