पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/१०४

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

पा ] युस पार मिटिश जाति की क्षमता । बिना पर सही गिगादी मिपादीती रती है । इमरा भी पही मेरा पे भी पदी पाती। भतएर ये इपिपारसी ममप मनुप्पो मिस माने किपुर-पत्र में हमारी जाति राष्ट्र में या साप । जिस समय और में भरती हो । नेपद परमारमो माने पर पिसापतपायों को अप पार पासप्रेमी प्रेमी पपणमिमी तो अपने यहां पर लगी कि मिरिया गपर्नमेंट को पुर-सामग्री की परत सीपी मी सिधार लिंगी जाप्तिपास सीमापापमान नदी पापरपम्मा तर देशाग मी-पुरुष अपने अपने उसने अपनी मेगा रोमेशीन भरी माने भार पर काम प र सरकार के गोसे-बारून कारमा में ना की भी समय मम्पा राणी पी। इनमे मा मरगी हो गये । बहुत से मनुष्यों ने तो शाम-सरे नदी पगातार पापार एलीम मामने मनुष्य और रपिगार तपापहीदिनी दी म्ये परवा न की। मामे टेक सम्मानपत्य मा बरमानी रहती प्रपना या ममय ससार काम के लिए बड़ी खुशी मी मेपी की पारियों कर सनी दी । इसीसे मेरिया । इम म्य-यामें में से बहुत से मेरे पास मित्र ,पुर का मारमाने, अपनी सेना को गोमे- मोग तो अपनी श्रीपिका सिए दिन भर कदा यो पारम्प भाषि परमाने का पदुत तम परिभम नाइस पर भी ये पनी प्रसपता से अपना र मिपा । जमने इतनी पपिक पुर-सामपी गर्घ अषमाश-मर गाने पारमादि बनाम मैं मगात पाव पारम्म दिया किमान तक गंमार की रिमी सासि पर अपनी मातृ भूमि दिस मिए पे जो अप सीरा में किसी भी पुर में बरी रिया था। हम रमनपडी गुशी मे ना पासे पार पर मी में मिरिश गार्मर से जीतने की तभी पाया ।मिरिण मासि सीरसाद मे मिरेन को संसार के समनी पी सके पास पात्र में भी बहुत अधिक ताप प्रम्प रयो मे या पना समाजात पर रसाद यह सामग्री पान परमेसपारी रित पिमा गितिमाटेगा मिरिश मानि में बमा रदेगा पता, पर निरपर जानिए. भषिक पुर-सामग्रीमापार रोमा पसी वहिन पात मिटिश शातिरपी बनी रहेगी। । इस कारण मिसि गरमेरको एफपत शोचनीप समीर पार गरीप, पुतलीपरी पीर कारणानो मालिक, से का सामना समापन सपा प्रममार्ग मर भादि सभी इस पपन में बगे प६ रित मिरिश गवर्नमेंट में अपने युदोपमय-मयी, कि सरकार पर प्रकार की इतनी पुर-मामो प्राप्त हो सबापा मारे, सपा प्रम्प देश-मारपी-पुरुषों की सप सिसमे नि पे फिमी समय समयटा परे। एपना से हम विपप में मी प्रपणी सफलता प्राप्त कर मी। सूचना मिमते दी कारणानों और पुतीफोरेपधिकारियों सकारणाने पार माय ममुजओ पारे पम्याम्य मे पपने काम रोक रिपे । महोम अपने मारो पार से संपार पते थे, इस ममप पुर सामपी तपार कारीगरों से गामा-पान प्रापि तैयार करने में लगा में बी-जान से मगे हुए हैं। दिपा । या ताकि ग्न लोगों में अपने अपने कारताने पुरोपप्रमों के पार करने पास में देश के पहुत पड़े की को भी पुरमा सामान पाने में भगा दिया । भारमी मी । इन मोगी ने अपने प्राराम और मुग- मुझे एक प्रसिद प्यापारी की काहान मालूम है। इस नपात विधान की मुसा दिया है। ये मत्र राम कोठी में एक कारणामा सीने की मां को पार करने के पेमे परिप्रम के काम कर असे इमान कमी नहीं मिए बा । ये कप पुर पहये सारी की सम्या में ये पे।ात पर कि अपने इस परिमम-माप्प काम से मनी से पहा माती पी। इस कारनामे की स्थापना प्रम- भपनी गति में अधिक पसवान् बना देना बारों का विधास मा कि it की पिये से पास सपा इते । पुर-साम्मी हपार मेवाणों में मिरिय यति मा मंगे। समय मिश्री पात होती, क्योंकि मर्मनी में स पानी की बात सी महिमा भी है। ये सही परती । किन्तु पुन का प्रासम्म दोम पर गवर्नर मे . । पुरुय की तरबोपरिभम से कारमान्य में ये काम कारनामे के मालिकों को सूचना दी किनका सालाना