भूमिका निबन्ध की विशेषताएँ- अपने वर्तमान रूप में हिन्दी निबन्ध पश्चिम की देन हैं । हिन्दी के लेखकों ने प्रायः अंग्रेज निबन्धकारों को अपना आदर्श माना है । यह सब कुछ होते हुए भी हिन्दी निबन्ध को अंगरेजी निबन्ध की हूबहू नकल कहना समीचीन न होगा । बाह्य आकार-प्रकार और वेष-भूषा पाश्चात्य ही सही किन्तु हिन्दी निबन्ध की आत्मा इस देश की है, यह उसके नाम से ही ध्वनित है अंग्रेजी में निबन्ध को Essay (ऍसे) कहते हैं या यह कहिए कि Essay के लिए हिन्दी में निबन्ध शब्द स्वीकृत हुआ है । Essay शब्द का उद्भव फ्रांसीसी शब्द 'एसाई' से है जिसका अर्थ है प्रयास । इसका अर्थ हुआ कि अंगरेजी 'ऍसे' शब्द का अर्थ अभीष्ट विषय के निरूपण का प्रयासमात्र है, परन्तु निबन्ध शब्द, जो हिन्दी में संस्कृत से ही लिया गया (नि: निश्शेष अर्थात् पूर्ण बंध = कसाव) 'सम्यक्कसाव' का द्योतक है । एक में विचारों अथवा भावों को अभिव्यक्त करने का प्रयत्न है, पर दूसरे में उन्हें कस कर बाँधने का कार्य है । स्पष्ट है कि पहले मैं अन्तःकरण (हृदय और बुद्धि) उतना दखल स्वीकार नहीं किया गया जितना दूसरे में । बाह्य और अान्तरिक का यही भेदः पश्चिम और MTA २७ '?3 MIN .
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