पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 9.pdf/६८१

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

________________

अ सांकेतिका अंगुलियों; - और अँगूठोंकी छाप. न देनेका गांधीजी और डाह्या नरसीपर आरोप, १०५ -की छाप, ३, १८, २०, १२६, ४७८; की छाप देकर पंजीयन करानेके सिद्धान्तपर कुछ भारतीयोंको रोष, १८, ३८, १७२; की छाप देनेकी बातपर कभी भी मूल आपत्ति नहीं, १२८, १७३; -की छाप देनेसे गांधीजी द्वारा इनकार, १२३; की छाप न देने और प्रमाणपत्र पेश न करनेके अपराध में भारतीयोंको ३ मासकी कड़ी कैद की सजा, १९६ अंगूठे का निशान, ३-५; का निशान न देनेकी गांधीजीकी सलाह, ४५, ७२; -का निशान देनेके लिए अब्दुलगनीका पश्चात्ताप, ४३; का निशान न देनेके कारण पीट- रिटीफ के भारतीयको सजा, २३; की छाप देनेसे भारतीयों द्वारा इनकार, ४६: अँगूठों के निशान न देनेके कारण, १४; के निशान न देनेवालोंपर मुकदमा, ३ अंजुमन इस्लाम, ३८६; -द्वारा पोलकके भाषणको अंग्रेजी और उर्दूमें प्रचारित करनेका वचन, ३८७ अंजुमन इस्लामिया, २८९, ३०२ के मकानपर सभा, ३ अकाल सहायता कोष, ३७० अखिल इस्लामी संघ, ३२७ अखिल भारतीय मुस्लिम लीग, २६४, ३२७, ४१३,४४२, ४५०, ४५२, ४७७; की लन्दन शाखाको लिखे पत्रका मसविदा, ४१९; की लन्दन शाखा द्वारा भारतकी केन्द्रीय लीगको तार, ४२६, अटनीं जनरल, देखिए महान्यायवादी अधिकार-पत्र, ३३ अधिनियम : ट्रान्सवाल एशियाई कानून संशोधन अधिनियम, देखिए ट्रान्सवाल एशियाई पंजीयन अधिनियम, ट्रान्सवाल एशियाई पंजीयन अधिनियम, १, १४, १७, २०, २४, २८, ३७, ५३, ५५-५६, ८५, ८९, १४४, १५६, १६०, २६०-६२, २८९-९०, २९३-९६, ३००, ३०२, ३१०, ३१५, ३२१, ३३२-३३, ३९४, ४०४, ४१९; -उपनिवेशी-दृष्टिकोणसे भी व्यर्थ, १२९; -एशियाइयों द्वारा स्वीकार्य नहीं, ५१; -और महाद्वीपी पारपत्र, ३२६; -गांधीजीके मतमें रद करना आवश्यक, ३१८; -जनरल स्मट्स रद कर देनेको तैयार, ३८५, -बरकरार रखनेसे जालसाजीका मार्ग खुला, २३; रद कर देनेकी बात कहकर जनरल स्मट्स एक कदम आगे, ५३६; रद करने और एक निश्चित संख्या में भारतीयोंको स्थायी निवासके प्रमाणपत्र देनेके सम्बन्ध में जनरल स्मट्सका प्रस्ताव, ५२०१ - रद करने और संशोधन की कार्रवाईका क्रियात्मक परिणाम, ५२३; रद करनेका जनरल स्मट्स तथा प्रगतिवादी दल द्वारा वचन देना जरूरी, ५९; - रद करनेकी माँग, ३९; - रद करनेकी माँग महत्त्वपूर्ण, ११६; - रद करनेके बारेमें अस्पष्टता १२८ - रद होनेकी सम्भावना, २; - स्वीकार न करनेकी काछलियाकी प्रतिज्ञा, ४१; का उपयोग ब्रिटिश भारतीयोंपर अत्याचार करनेके लिए, ५१५; का नियन्त्रण गवर्नर जनरल तथा परिषदके हाथमें, ३०५; -का पालन न करनेपर भारतीयोंकी गिरफ्तारियाँ, २८८; -का प्रभाव अन्य कानूनसे समाप्त नहीं, २२; -का भारतीयों द्वारा कर्तव्यकी पुकारपर विरोध, ६१; की भावनापर आपत्ति, १७३ -की रंगूनकी सार्वजनिक सभामें निन्दा, ५३५; - की सम्पूर्ण भावना अपमानजनक, ३८; के अन्तर्गत अर्जी देनेपर शिक्षित भारतीयों के प्रवेशपर कोई आपत्ति नहीं, १४५; -के अन्तर्गत एशियाइयोंका प्रवास नियन्त्रित नहीं, २६ के अन्तर्गत केवल अधिवासी भारतीयोंके पंजीयन की व्यवस्था, ५१; -के अन्तर्गत कैद भुगतकर शिक्षित भारतीय रिहा, ७६; के अन्तर्गत धोखेसे भारतीयों के अधिकारोंका अपहरण, ५१; के अन्तर्गत पीटरिटीफके एक भारतीय- पर मुकदमा, २३; के अन्तर्गत पुनः पंजीयन अनिवार्य, २९८ के अन्तर्गत प्रमाणपत्र न होनेपर २,५०० भारतीय गिरफ्तार, ३२६; के अन्तर्गत सरकार द्वारा जुर्माना वसूल करनेके लिए भारतीय व्यापारियोंके मालकी बिक्री, २८९, के खिलाफ भारतीयोंकी आपत्तियाँ, ५२३; -के रद हो जानेपर शिक्षित भारतीयोंका प्रवेशा- धिकार स्वयंमेव स्थापित, ३३१; को कानूनकी किताबसे हटाये बिना शिक्षित एशियाइयों की स्थिति Gandhi Heritage Porta