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८२. आगामी कांग्रेसका अध्यक्ष कौन?

'इंडिया में खबर प्रकाशित हुई है कि आगामी कांग्रेसके अध्यक्षके चुनावके लिए निम्नलिखित नाम सुने जा रहे हैं : माननीय श्री गोपालकृष्ण गोखले, श्री अरडली नॉर्टन', राव बहादुर मुधोलकर', सर गुरुदास बनर्जी', डॉ० रासबिहारी घोष और बाबू कालीचरण बनर्जी । ये सभी सज्जन बहुत योग्य हैं और इन्होंने भारतकी बड़ी सेवाएँ की हैं। उनमें भी श्री गोखलेका नाम आजकल तो सबसे आगे है। बड़ी लोकसभामें उन्होंने लॉर्ड कर्जनसे बहुत अच्छी टक्कर ली है।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, १६-९-१९०५

८३. बड़ौदाके महाराजा गायकवाड़ और उनके दीवान

महाराजा गायकवाड़ने श्री दत्तको अपना दीवान नियुक्त किया है। यह कर्ज़न साहबको पसन्द नहीं आया। 'बंगाली 'में दी गई खबरसे मालूम होता है कि इसलिए उन्होंने भारतके हर राजाके पास इस आशयका गुप्त परिपत्र भेजा है कि यदि भविष्यमें नौकरीसे इस्तीफा देनेवाले इंडियन सिविल सर्विसके व्यक्तिको कोई अपने यहाँ नियुक्त करनेका इरादा करे तो वह उसकी नियुक्तिसे पूर्व सरकारसे अनुमति ले। यह लॉर्ड कर्जनकी आखिरी लड़ाइयोंमें से एक जान पड़ती है।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, १६-९-१९०५



१. जैसी मद्रास मेलमें दी गई थी।

२. मद्रासके एक बैरिस्टर और लोकसेवक।

३. पीछे १९१२ में कांग्रेसके बांकीपुर अधिवेशनके अध्यक्ष बने। मूलमें अकोलकर दिया गया है।

४. भूतपूर्व न्यायाधीश और बंग जातीय विथा-परिषदके अध्यक्ष।

५. सन् १९०८ में मद्रासके कांग्रेस अधिवेशनके अध्यक्ष हुए।

६. एक भारतीय ईसाई, जो कांग्रेसके कार्योंमें बहुत दिलचस्पी लेते थे।

७. श्री रमेशचन्द्र दत्त (१८४८ -१९०९): भारतीय नागरिक सेवा (इंडियन सिविल सर्विस) के सदस्य,

भारतकी प्राचीन संस्कृति और सभ्यताके सूक्ष्म अध्येता और इकनॉमिक हिस्ट्री ऑफ इण्डिया सिन्स द एडवेन्ट आफ द ईस्ट इंडिया कम्पनीके लेखक । १८९९ की लखनऊ कांग्रेसके अध्यक्ष हुए और अपने जीवनके अन्तिम पाँच वर्षोंम बड़ौदाके राजकाजसे सम्बद्ध रहे। पहले मालमंत्री बने और बादमें दीवान । देखिये, खण्ड ४, पृष्ठ ४८७ ।