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४८. पत्र : अब्दुल हक व कैखुसरूको

[जोहानिसबर्ग]

अगस्त ५,१९०५

भाई अब्दुल हक व कैखुसरू,

आपका पत्र मिला। रुस्तमजी सेठका पत्र वापस भेजता हूँ। मैं उन्हें लिखूगा। भाड़ेके बारेमें जो अर्थ आप निकालते हैं सो निकल सकता है। किन्तु उसकी चिन्ता किये बिना घर खाली न रहे, इसपर पर्याप्त ध्यान रखा जाये, इतना काफी है। आजम मूसा हुसेनके मुख्त्यार- नामेका अभी उपयोग नहीं हो रहा है। आपने पत्रपर पूरी टिकटें नहीं लगाई थीं।

मो० क० गांधीके सलाम

संलग्न:१
पेढ़ी जालभाई सोराबजी ब्रदर्स
११० फील्ड स्ट्रीट
डर्बन

गांधीजीके स्वाक्षरों में गुजरातीसे; पत्र-पुस्तिका (१९०५), संख्या ८७६

४९. पत्र: मुख्य अनुमतिपत्र-सचिवको

[जोहानिसबर्ग]

अगस्त८,१९०५

सेवामें
मुख्य अनुमतिपत्र-सचिव
पो० ऑ० बॉक्स ११९९
जोहानिसबर्ग
महोदय,

विषय : अब्दुल कादिरके अनुमतिपत्रकी नकल

पिछले महीने की १४ तारीखके आपके पत्र, संख्या ६५० से मुझे सूचना मिली कि अब आपने मेरे मुवक्किलके अंगूठेके निशानकी जाँच कर ली है और उसके अनुमतिपत्र तथा पंजीयनका पता लगा लिया है।

मैं निवेदन करता हूँ कि ऐसे मामलोंमें एक दूसरा अनुमतिपत्र अथवा किसी प्रकारका प्रमाणपत्र जारी करना आवश्यक है, ताकि पंजीकृत निवासी बिना परेशानीके वापस आ सकें। मेरा मुवक्किल भारत जानेवाला है और इसलिए यदि आप उसे प्रमाणपत्र दे दें तो मैं बहुत

१. नेटाल भारतीय कांग्रेसके अध्यक्ष, १८९९-१९०१ ।