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भारतीय डोलीवाहक दल


तबतक हम नेताओंके सामने उपर्युक्त विचार रख रहे हैं और हमें आशा है कि वे उसपर अवश्य सोचेंगे।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, २३-६-१९०६
 

३८६. सुलेमान मंगाका मुकदमा

श्री सुलेमान मंगाके[१] अनुमतिपत्रके बाबत जो मुकदमा हुआ था उसका पूरा विवरण हमने अंग्रेजी में दिया था। उसके आधारपर सर हेनरी कॉटनने संसदमें सवाल पूछा था। श्री चचलने[२] जवाब दिया कि उसके बारेमें तत्काल तजवीज की जायेगी। यह सवाल और जवाब बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। लॉर्ड सेल्बोर्न क्या जवाब देते हैं, यह देखना है। सम्भव है कि अनुमतिपत्र सम्बन्धी राहतका मिलना-न-मिलना बहुत-कुछ उनके जवाबपर निर्भर करेगा।

श्री चर्चिलने जो जवाब दिया कि जाँच कराई जायेगी, उससे ऐसा माना जा सकता है कि बड़ी सरकार अपनी जवाबदेही एकदम अस्वीकार नहीं करेगी।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, २३-६-१९०६
 

३८७. लेडीस्मिथ के गिरमिटिया भारतीय

लेडीस्मिथ के गिरमिटिया भारतीयोंपर किये गये अत्याचारोंका विवरण हमारा लेडीस्मिथका संवाददाता दे चुका है। यह हकीकत हमने अंग्रेजी विभागमें भी दी थी।[३] वह संरक्षक श्री पॉलकिंग पढ़ने में आया, इसलिए उन्होंने हमें सूचित किया है कि उस मामलेकी पूरी जाँच की जा रही है। यह प्रसन्नताका समाचार है; और उम्मीद की जा सकती है कि गरीब भारतीयोंको कुछ-न-कुछ न्याय मिलेगा।

[गुजराती से]
इंडियन ओपिनियन, २३-६-१९०६
 

३८८. भारतीय डोलीवाहक दल

इस टुकड़ीके वेतनके सम्बन्धमें कांग्रेसने जो पत्र लिखा था, उसका उत्तर अवैतनिक मन्त्री श्री उमर हाजी आमद झवेरी तथा श्री मुहम्मद कासिम आंगलियाको मिला है। उसमें सरकारने लिखा है कि वह कांग्रेसकी वेतन चुकानेकी माँग स्वीकार करती है।

श्रीमती नानजी तथा श्रीमती गैब्रियलने मिलकर टुकड़ीके सदस्योंके लिए रेडक्रॉसके पट्टे बनाये हैं। ये पट्टे बायीं भुजापर पहने जाते हैं। इनसे यह जाना जाता है कि ये केवल जख्मियोंकी

 
  1. देखिए "एक अनुमतिपत्र सम्बन्धी मामला", पृष्ठ ३५५।
  2. श्री विन्स्टन चर्चिल; जो उस समय सहायक उपनिवेश मन्त्री थे।
  3. देखिए इंडियन ओपिनियन, ९-६-१९०६।