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३८०. लॉर्ड सेल्बोर्न

जस्टिन के नये नगर-भवनका शिलान्यास करते हुए लॉर्ड सेल्बोर्नने एक अर्थगभित भाषण दिया है। उसमें नैतिक तथा राजनीतिक दोनों प्रकारकी सीखोंका समावेश है। राजनीतिक दृष्टिसे देखें तो वह भाषण गोरोंको लक्ष्य करके दिया गया है। इसलिए हमारे लिए विचार करने योग्य सामग्री उसमें कम ही है। किन्तु नैतिक दृष्टिसे लॉर्ड सेल्बोर्नके शब्द मनन करने योग्य हैं। इसलिए हम उनका सारांश नीचे दे रहे हैं :

राजकीय मामलों में प्रवृत्त हमारी (गोरी) जनताके जीवनके लिए नगरपालिकाओंका असर बहुत जरूरी है। नगरपालिकाएँ राज-काज चलानेके लिए व्यक्तियोंको तैयार करनेवाली पाठशालाएँ हैं। वहाँ हमारी सारी कौमके स्वतन्त्रता रूपी बीजको पोषण मिलता है। अंग्रेज लोग सरल किन्तु पराधीन राज्यकी अपेक्षा, निष्ठुर किन्तु स्वाधीन राज्य-पद्धतिको अधिक पसन्द करते हैं। नगरपालिकाएँ हर समय और हर जगह लोकमत जाहिर करनेका मुख्य स्थान हैं। नगरपालिका निर्वाचित सदस्योंको ही नहीं, निर्वाचकों तथा निर्वाचनके सम्बन्धमें चर्चा करनेवालोंको भी एक तरहका शिक्षण देती है। उचित आलोचना किस तरह की जाये, यह निर्वाचकोंको भूलना नहीं चाहिए। यह प्रदेश ऐसा है जहाँ विशेष प्रकारके तूफान उठा करते हैं। तूफान प्राकृतिक और राजनीतिक दो तरहके होते हैं। जिस प्रकार प्राकृतिक तूफानोंके समय स्थिरता बनाये रखनेवाला स्थिरचित्त व्यक्ति कहलायेगा, उसी प्रकार राजनीतिक तूफानोंके समय स्थिर वृत्ति रखनेवाला, स्थिर नीतिका व्यक्ति माना जायेगा। शुभ और अशुभ दोनों अवसरोंपर जो व्यक्ति अपने आचरण में स्थिरता दिखाता है, उसीको मैं विश्वासपात्र मानता हूँ। लोग उसके शब्दों या कामोंका सीधा अर्थ करें या उलटा, उसे यह सिद्ध कर दिखाना चाहिए कि वह अपने सिद्धान्तोंपर अडिग है।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, १६-६-१९०६
 

३८१. श्री सीडन[१]

न्यूजीलैंडके प्रधान मंत्री श्री सीडन ६१ वर्षकी आयुमें किसी भी प्रकारकी बीमारी भोगे बिना इस संसार से विदा हो गये। वे एक होशियार राजनीतिज्ञ अंग्रेज थे। उन्होंने लम्बी अवधि तक न्यूजीलैंड के निर्वाचित प्रधान मंत्रीका पद भोगकर नाम प्राप्त किया था और अपनी देख-रेख में देशको सम्पन्न बनाया। उन्हें उपनिवेशीय राजनीतिज्ञोंमें अग्रगण्य माना जा सकता है। यद्यपि वे बड़ी सरकारकी अवगणना करके भी उपनिवेशकी सत्ता बढ़ानेका प्रयत्न करते रहते थे; फिर भी चूँकि उनका रुख ब्रिटिश साम्राज्यके हितोंके लिए घातक नहीं था, इसलिए ब्रिटिश राजनीतिज्ञोंमें उन्हें सदा प्रमुख कार्यके योग्य माना जाता था।

जयन्ती, औपनिवेशिक सम्मेलन और राज्याभिषेक सम्मेलनके समय उपनिवेशोंके प्रधान मंत्रियोंमें उनपर सबसे पहले नजर पड़ती थी। ऐसे राजनीतिज्ञके देहावसानका समाचारु ब्रिटिश

 
  1. 'ओवेस्ट्री ग्रेज' जहाज द्वारा आस्ट्रेलिया के दौरेसे न्यूज़ीलैंड वापस जाते समय जून १०, १९०६ को रिचर्ड सीडनका देहान्त हुआ।