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३७३. पत्र : प्रधान चिकित्साधिकारीको

डर्बन

जून २, १९०६

सेवामें
प्रधान चिकित्साधिकारी
नेटाल नागरिक सैनिक दल
पीटर मैरित्सबर्ग
महोदय,

नेटाल भारतीय कांग्रेसके नाम सरकारका एक पत्र आया है। उसमें लिखा है कि भारतीय आहत-सहायक दलके सम्बन्ध में कांग्रेसके द्वारा की गई दित्साको सरकारने मंजूर कर लिया है।

सरकारका कथन है कि प्रारम्भिक प्रयोगके रूपमें इस टुकड़ीमें २० डोलीवाहक रहें। हमारी समिति सूचित करना चाहती है कि आप जो स्थान और समय बतायें उसपर २० आदमी आपकी सेवामें उपस्थित रहेंगे। हम मानते हैं कि आप उनके लिए आवश्यक साजो-सामान, वर्दियों और यातायातकी व्यवस्था भी करेंगे।

सरकारने हमारी समितिको सूचित किया है कि इस दलका वेतन प्रति व्यक्ति डेढ़ शिलिंग रोजाना होगा। जब दित्सा की गई थी तब जिस समाजका प्रतिनिधित्व कांग्रेस कर रही है उसका इरादा खुद वेतन देनेका था। इसलिए हमारी समितिको भरोसा है कि सरकार भारतीय समाजको अपने आदमियोंका वेतन स्वयं चुकानेकी अनुमति देनेकी कृपा करेगी। साथ ही, हमारा विनम्र निवेदन है कि प्रति व्यक्ति प्रति सप्ताह एक पौंडसे कम वेतनपर यह सेवादल खड़ा नहीं किया जा सकता। और हमें कहनेका निर्देश किया गया है कि इतनी रकम हमारा समाज तबतक चुकाते रहनेको राजी है जबतक दलकी सेवाओंकी आवश्यकता रहे।

हम यह भी कह देना चाहते हैं कि अधिकतर व्यक्ति सेवा करनेको हर तरहसे तैयार होनेपर भी आहत सहायक दलके कामके लिए प्रशिक्षित नहीं हैं, और इसमें उनका कोई कसूर भी नहीं है।

आपके आज्ञाकारी सेवक,

ओ° एच° ए° जौहरी
एम० सी० आंगलिया

संयुक्त अवैतनिक मन्त्री, ने° भा° कां°

[अंग्रेजीसे]
इंडियन ओपिनियन, ९-६-१९०६