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२६२. सिडनी में प्लेग

तारसे समाचार मिला है कि सिडनीमें प्लेगके पांच केस हो चुके हैं। जहाजपर दो केस होनेकी खबरका तार भी इसी हफ्ते मिला है, और उसमें कहा गया है कि ये केस रंगदार लोगों में हुए हैं। फिर भी अनुभव यह रहा है कि जब भारतके बाहर कहीं दूर प्लेगके केस हुए हैं, तब कई जगहों में एक साथ केस होने लगे हैं। और, जहाँ हम लोगोंको तंग करनेके लिए ऐसे केसका बहाना ही खोजा जाता हो, वहाँ हमें बहुत सोच-समझकर चलना चाहिए। हम कई दफा कह चुके हैं कि अधिकतर प्लेगके मुख्य कारण गन्दी और खराब हवा हुआ करते हैं। अतएव घर साफ रखना, पाखानोंमें गन्दगी न होने देना, पाखानेपर हर बार राख अथवा रेत डालना, सारी जमीनको कृमिनाशक पानीसे धोना, घर में हवा-प्रकाश खूब आने देना और नियमित रूपसे सादा भोजन करना — इन सूचनाओंको ध्यान में रखते हुए इनके अनुसार व्यवहार करनेवालेको डरनेकी जरूरत नहीं है।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, २४-३-१९०६
 

२६३. साबुनके लिए प्रमाणपत्र

२१-२४ कोर्ट चेम्बर्स

नुक्कड़, रिसिक व ऐंडर्सन स्ट्रीट्स

पो° ऑ° बॉक्स ६५२२

जोहानिसबर्ग

मार्च २६, १९०६

यह प्रमाणित किया जाता है कि मैं कुछ समय से न्यू सोप मैन्युफैक्चरिंग कम्पनी, बम्बई द्वारा निर्मित साबुनका इस्तेमाल कर रहा हूँ और मैंने इसे गुणमें पूरा-पूरा सन्तोषजनक पाया है। मुझे मालूम हुआ है, इस साबुनको तैयार करनेमें पशुओंकी चर्बी इस्तेमाल नहीं की जाती । मेरी रायमें इस कारण से इस साबुनकी उपयोगिता बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।

मो° क° गांधी

गांधीजीके हस्ताक्षरयुक्त टाइप की हुई मूल अंग्रेजी प्रति (सी° डब्ल्यू° ९१५) से।

सौजन्य : वेणीलाल गांधी।