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२५५. जोहानिसबर्ग की चिट्ठी

मार्च १७, १९०६

जोहानिसबर्ग में आग

इस हफ्ते जोहानिसबर्गकी रिसिक स्ट्रीटमें बहुत बड़ी आग लग गई थी। उसमें मोटरकार वगैरह बनानेका बहुत-सा कीमती सामान जल गया है। लगभग ३०,००० पौंडका नुकसान हुआ है। पूरा बीमा नहीं कराया गया था, इसलिए मालिककी भारी हानि हुई है।

अनुमतिपत्र

अनुमतिपत्र सम्बन्धी तकलीफ ज्यादा बढ़ गई है। अब संरक्षक मियादी अनुमतिपत्र देनेसे भी इनकार करता है। हालमें ऐसे दो उदाहरण सामने आये हैं। हॉविकके एक व्यापारीने थोड़ी मुद्दतका अनुमतिपत्र माँगा। संरक्षकने देनेसे साफ इनकार किया है। इसी तरह डेलागोआ-बेके सुपरिचित व्यक्ति श्री मंगाके भतीजेको[१] भी अनुमतिपत्र देनेसे इनकार किया गया है। इस मामलेमें कार्रवाई चल रही है। लेकिन अनुभव यह हो रहा है कि अनुमतिपत्रकी लड़ाई पूरी तरह लड़नी पड़ेगी।

इस बीच जोहानिसबर्ग में भारतीयोंकी आबादी दिनपर-दिन घटती जा रही है। कमाईके जरिये कम हो जानेसे लोगोंको लौटना पड़ रहा है।

चीनी मजदूर

चीनियोंके आनेपर प्रतिबन्ध लगनेके समाचारसे यहाँके खान-मालिकोंको बहुत चिन्ता हो गई है। उनका मन उचट गया है, इसलिए जनतामें निराशा छा गई है। इस नगरका भविष्य क्या होगा, कहा नहीं जा सकता।

इस स्थितिके कारण भुखमरी बढ़ी है। बहुतेरे लोग बेरोजगार होकर बैठ गये हैं, और उन्हें सूझ नहीं पड़ रहा है कि पेट कैसे पालें।

किसीका अपराध किसीको दण्ड

यहाँकी अदालत में एक जानने योग्य मुकदमा चला है। डॉक्टर किन्केड स्मिथकी मोटर उनका नौकर चला रहा था। श्री क्लार्क डाक नामक इंजीनियर अपनी बाइसिकलपर थे। इतनेमें डॉक्टर स्मिथके चालकने गाड़ी जरा अपनी तरफको घुमाई, जिससे गाड़ी श्री डाकर्टीकी बाइसिकलसे टकरा गई और श्री डाक गिर पड़े। उन्हें ऐसी चोट आई कि अस्पतालमें जाना पड़ा। मोटरकी टक्करके समय डॉक्टर खुद गाड़ीमें नहीं थे। श्री डाकीने डॉक्टर स्मिथपर यहाँके उच्च न्यायालयमें २,००० पौंडके हर्जानेका दावा किया। न्यायमूर्ति ब्रिस्टोने फैसला दिया है और श्री डाकको ७५० पौंड दिलाये हैं। फैसला सुनाते हुए माननीय न्यायाधीशने कहा है। कि कसूर डॉक्टर स्मिथका नहीं है, पर उनके आदमीने गलती की है, इसलिए उन्हें उसकी सजा भुगतनी होगी। लोगोंको चाहिए कि वे बहुत सावधानीसे नौकर रखें। नौकरसे कोई गफलत हो और उसके कारण किसी तीसरे आदमीको नुकसान पहुँचे तो उसकी भरपाई मालिकको

 
  1. श्री सुलेमान मंगा, एक नवयुवक भारतीय वकील।