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२१३. दक्षिण आफ्रिकामें ब्रिटिश भारतीय[१]
ट्रान्सवाल और ऑरेंज रिवर उपनिवेशमें ब्रिटिश
भारतीयोंके सम्बन्ध में वक्तव्य

जोहानिसबर्ग

फरवरी २२, १९०६

चूँकि नई सरकार आ गई है, राज्याज्ञा वापस ले ली गई है और ट्रान्सवाल तथा ऑरेंज रिवर उपनिवेशके लिए एक नया शासन-विधान तैयार किया जा रहा है, इसलिए मुझ भारतीय प्रश्नको नई सरकारके समक्ष प्रमुख ढंगसे प्रस्तुत करना अत्यावश्यक प्रतीत होता है।

ऐसा लगता है कि निषेध-सम्बन्धी अधिकार सम्राटके लिए सुरक्षित रखे जाने तथा किसी भी प्रकारके वर्गीय कानूनको सम्राटकी स्वीकृतिके लिए उठा रखनेसे सम्बन्ध रखनेवाली साधारण धाराएँ पर्याप्त नहीं हैं। यह देखते हुए कि रंगदार लोगोंके विरुद्ध तीव्र द्वेषभावना — इतनी तीव्र कि लगभग सनक जैसी — फैली हुई है, इन दकियानूसी कानूनोंसे, जो भूले-भटके ही कार्यान्वित किये जाते हैं, काम चलनेका नहीं। अगर ब्रिटिश भारतीयोंकी रक्षाका उचित खयाल रखे बिना उत्तरदायी शासन व्यवस्था स्वीकृत कर दी गई तो उसके अन्तर्गत उनकी दशा आजकलकी अपेक्षा कहीं बदतर हो जायेगी।

नेटालका अनुभव बतलाता है कि किसी स्वशासित समाजमें किसी वर्ग विशेषको मताधिकारसे वंचित रखनेका अर्थ उसको पूर्ण रूपसे मिटा देना है। केवल वे ही सदस्य चुने जाया करते हैं जो मतदाताओंकी भावनाओंका प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए ब्रिटिश भारतीयोंको कुछ प्रभावकारी प्रतिनिधित्व देना होगा या वहाँ रहनेवाले भारतीयोंके नागरिक अधिकारोंका दूसरे ढंगसे पूर्ण संरक्षण करना होगा।

ट्रान्सवालमें स्थिति दिनपर-दिन बिगड़ती जा रही है। परवाना सम्बन्धी प्रतिबन्ध केवल भारतीयोंपर ही लागू किये जा रहे हैं और, जैसा कि 'इंडियन ओपिनियन' के पृष्ठोंसे प्रकट होगा, वे बहुत ही ज्यादा कष्टकर हैं।

रेलवे प्रशासनने रंगदार लोगोंके लिए मनाही करना शुरू कर दिया है कि कुछ रेलगाड़ियोंसे वे कतई यात्रा न करें। जिन ब्रिटिश भारतीय व्यापारियोंको रेलगाड़ियोंके इस्तेमालकी आवश्यकता निरन्तर पड़ा करती है, उनके हकमें इस निषेधका क्या अर्थ होगा, इसकी कल्पना सहज ही की जा सकती है। जोहानिसबर्ग बड़े-बड़े फासलोंवाला स्थान है। वहाँ बिजलीकी ट्रामगाड़ी अभी हालमें ही चालू की गई है। रंगदार लोग, जिनके लिए घोड़ागाड़ियोंका किराया चुकाना मुश्किल है, व्यवहारतः इन ट्राम-गाड़ियोंका इस्तेमाल नहीं कर पाते।

 
  1. यह वक्तव्य गांधीजी द्वारा श्री दादाभाई नौरोजीको भेजा गया था और उन्होंने उसकी एक प्रति भारत-मंत्रीको २० मार्चको प्रेषित की थी।