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१५४. जापान और ब्रिटिश उपनिवेश

ब्रिटिश सरकार जापानके साथ अपने सम्बन्धोंके बारेमें संकट अनुभव करने लगी है। ब्रिटिश सरकारने जापानके साथ सन्धि की है। जापान बड़ा राज्य है, यह उसने स्वीकार किया है। सन्धिपत्रसे जाहिर होता है कि जापान इंग्लैंडकी बराबरीका है। नौसेनापति तोजोको अंग्रेज नेल्सनके बराबर मानते हैं और जापानके जो प्रजाजन इंग्लैंड जाते है उनका वे लोग आदर- मान करते हैं।

जब इंग्लैंडमें यह स्थिति है तब न्यूजीलैंड उपनिवेशके प्रधानमन्त्री श्री सेडन कहते हैं कि इंग्लैंड और जापानके बीच जो सन्धि हुई है, उससे हमारा कोई सम्बन्ध नहीं है। हम जापानके एक भी आदमीको न्यूजीलैंडमें घुसने नहीं देंगे।

पश्चिम आस्ट्रेलियामें जिस प्रकार एशियाके लोगोंके लिए सख्त कानून है उसी प्रकार जापानी जनताके लिए भी है। इससे जापानका दिल दुखा है। जापानके राजदूतने लिखा-पढ़ी की है कि ये कानून रद हो जाने चाहिए। इसपर उपनिवेश मंत्री श्री लिटिलटनने लिखा है कि आस्ट्रेलियाके उस कानूनमें परिवर्तन किया जाना चाहिए। पश्चिम आस्ट्रेलियाके मंत्रीने उत्तर दिया है कि उस कानूनमें परिवर्तन इस प्रकार किया जायेगा कि जापानका अपमान न हो; परन्तु उसका असर तो ज्यों-का-त्यों रहेगा। अर्थात्, अब जापानको कड़वी गोली चाँदीके वर्कमें लपेटकर दी जायेगी।

ऐसी हालतमें इंग्लैंड क्या करेगा? यदि एक ब्रिटिश उपनिवेशकी प्रजा इस प्रकार ब्रिटेनकी राजनीतिके विरुद्ध बरताव करती रहे तो या तो उस उपनिवेशको इंग्लैंडको छोड़ देना पड़ेगा या फिर उपनिवेशके साथ बँधकर उसे भी अपनी राजनीतिमें परिवर्तन करना होगा।

जो बात जापानपर लागू होती है वही बात भारतपर भी लागू होती है। फिर भारतका हक तो और भी मजबूत माना जायेगा, क्योंकि वह ब्रिटिश राज्यका एक हिस्सा है।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, १८-११-१९०५

१५५. केपका प्रवासी-कानून

केपके प्रवासी-कानूनमें सख्ती बढ़ती जा रही है। अबतक सिर्फ समुद्री मार्गसे आनेवाले लोगोंपर सख्ती होती थी। अब जो व्यक्ति ट्रान्सवाल पार करके आयेगा उसपर भी सख्ती की जानेवाली है। केपके 'गज़ट'में कानून प्रकाशित हुआ है कि जो व्यक्ति ट्रान्सवालके रास्ते केप पहुँचे, उसके पास यह प्रमाण होना चाहिए कि वह केपका निवासी है। यदि वह केपमें प्रवेश पानेका अधिकार सिद्ध नहीं करेगा तो उसे वापस भेजने में जो व्यय होगा वह उसे केप सरकारको क्षति-पूर्तिके रूपमें चुकाना पड़ेगा। इसलिए' केपके सत्ताधीश यह सूचित करते हैं कि जो लोग केपमें जाना चाहते हों वे पहलेसे केपका पास प्राप्त कर लें। केपमें पास प्राप्त करनेमें बहुत कठिनाइयाँ होती है। जिस व्यक्तिके पास जमीन न हो और उसके बच्चे केपमें न हों, उसको

१. मालूम पड़ता है, मूलमें यहाँ छपाईकी भूल है। वहाँ 'अकेले' के अर्थका शब्द छपा है।