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नमक-कर

करनेवाले अंग हैं। शेष भारतीय समाजके साथ हम भी यह आशा करते हैं कि परमश्रेष्ठ तथा उनका परिवार इस सुरम्य उपनिवेशमें रहते हुए प्रसन्नता अनुभव करेंगे और अपने साथ इसकी मधुर स्मृतियाँ ले जायेंगे।

[अंग्रेजीसे]
इंडियन ओपिनियन, १४-१०-१९०५

११९. गिल्टीवाला प्लेग

प्लेगने अड्डा जमा लिया है। यह एक वार्षिक दूत है, जो वर्ष-प्रतिवर्ष आकर अन्धकार, गन्दगी और अति घनी बस्तीके विरुद्ध चेतावनी दे जाता है। यह जहाँ-कहीं एक बार दिखाई पड़ा वहाँ अबतक, बिना चूके, थोड़ी-बहुत नियमिततासे फिर-फिर आता रहा है। खबर मिली है कि यह चिन्दे' तक पहुँच गया है। वहाँसे डर्बन बहुत दूर नहीं है। इसलिए प्रत्येक अच्छे नागरिकको चाहिए कि वह इस राक्षसको पास न फटकने देनेके लिए आवश्यक एहतियात रखे। इस सचाईको छिपाना नहीं चाहिए कि भारतीय अन्य जातियोंकी अपेक्षा प्लेगकी विनाश-लीलाके शिकार ज्यादा होते हैं, ठीक वैसे ही जैसे गोरोंको मोतीझरा होनेकी सम्भावना भारतीयोंकी अपेक्षा ज्यादा रहती है। इस कारण भारतीयोंको दुगुनी सावधानी रखनी चाहिए। घरों और दुकानोंके आसपासके स्थान पूरी तरह साफ रखे जाने चाहिए। लोगोंको जितनी भी हो सके उतनी रोशनी, धूप और हवा मिलनी चाहिए; और सभी सन्दिग्ध मामले तुरन्त ही अधिकारियोंको सूचित कर देने चाहिए। रोग एक बार आ चुकनेके बाद बहुत-सा खर्च करने, बल्कि यों कहना चाहिए धन वरवाद करनेकी अपेक्षा ये कुछ सरल सावधानियां बरतना कहीं अधिक प्रभावशाली सिद्ध होगा। इस सम्बन्धमें भारतीय समाजके नेताओंका कर्तव्य स्पष्ट है। प्रत्येक शिक्षित भारतीयको एक अनुपम अवसर प्राप्त है; वह स्वास्थ्य और सफाईका प्रचारक बन सकता है।

[अंग्रेजीसे]
इंडियन ओपिनियन, १४-१०-१९०५

१२०. नमक-कर

अफवाह है कि आगामी नवम्बर मासमें युवराज (प्रिंस ऑफ वेल्स) की भारत-यात्राके समय उस राजकीय यात्राकी याद हमेशा कायम रखने और साथ-साथ भारतके लोगोंको सन्तोष देनेके लिए नमक कर बिलकुल माफ कर दिया जायेगा। प्रत्येक भारतीय हृदयसे चाहेगा कि इस अफवाहकी बुनियाद मजबूत हो और यह सही निकले।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, १४-१०-१९०५

१. डर्वनसे कोई ८०० मील उत्तर पुर्तगाली पूर्वी आफ्रिकाका एक बन्दरगाह ।