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३६१. तार : पोरबन्दरके दीवानको

साबरमती
१८ जनवरी १९२८

दीवान साहब
पोरबन्दर

हिज हाइनेसके निमंत्रणके लिए अनुग्रहीत हूँ। मेरे साथ परिषद[१] अध्यक्ष और कई महिलाओं सहित बीस लोग होंगे। प्रबन्ध स्वागत समितिके हाथों में है। आप कृपया समितिसे परामर्श कर लें।

गांधी

अंग्रेजी (एम॰ एम॰ यू॰ २०/२५) की माइक्रोफिल्मसे।

३६२. पत्र : एस॰ डी॰ नाडकर्णीको

आश्रम
साबरमती
१८ जनवरी, १९२८

प्रिय मित्र,

आपका पत्र मिला था। मैंने आपके कुछ पत्र अपनी 'यंग इंडिया' की फाइलमें[२] उपयोगके लिए रख छोड़े हैं।

प्रस्तावित "स्मृति" के बारेमें मैं आपसे सहमत नहीं हो सकता। अकसर आप भावसे अधिक शब्दपर जोर देते प्रतीत होते हैं। "अनुप्रेरित" शब्दका प्रयोग जब मैं करता हूँ तब मैं उसके तकनीकी अर्थ नहीं लगाता। जब मैं "अनुप्रेरित" अनुभव करूँगा तब आप देखेंगे कि हिन्दू-धर्मको एक नई "स्मृति" देनेसे मुझे कोई चीज नहीं रोक सकेगी, और मैं आपको गुप्त रूपसे बता दूँ कि मैं ऐसी प्रेरणाके लिए प्रयत्नशील हूँ। तबतकके लिए मुझे प्रतीक्षा करनी होगी।

मद्रासमें आपका साक्षात्कार करके मुझे बहुत खुशी हुई।

हृदयसे आपका,

श्रीयुत एस॰ डी॰ नाडकर्णी
अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १३०४३) की फोटो-नकलसे।
  1. काठियावाद राजनीतिक परिषद।
  2. देखिए खण्ड ३६, "चिट्ठी-पत्री", १६-२-१९२८।