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३१०. पत्र : फूलचन्द शाहको
सेंट्रल स्टेशन, मद्रास
मौनवार [२६ दिसम्बर, १९२७]
भाईश्री ५ फूलचन्द,
तुम्हारा पत्र मिला । तुम्हें यही शोभा देता है । मुझे तो सन्देह या चिन्ता थी ही नहीं ।
मैं जल्दीसे-जल्दी शनिवारतक आश्रम पहुँचनेकी आशा करता हूँ ।
बापूके आशीर्वाद
- गुजराती (सी० डब्ल्यू० २८३२) से ।
- सौजन्य : शारदाबहन शाह
३११. पत्र : रेवाशंकर झवेरीको
सोमवार [२६ दिसम्बर, १९२७]
पूज्य रेवाशंकर भाई,
आज देवदासका पत्र मिला है। उससे ज्ञात हुआ है कि आप भी बीमार हो गये हैं और बम्बई लौट आये हैं। कल तो यहाँसे रवाना होनेका विचार है और गुरुवारको वहाँ पहुँच जाऊँगा । यदि किसी कारण रवाना न हो सका तो शुक्रवारको वहाँ जरूर पहुँच जाऊँगा । भगवान आपकी रक्षा करे ।
मोहनदासके प्रणाम
पूज्य रेवाशंकर झवेरी
मणिभवन
७, लैबर्नम रोड
- गुजराती (जी० एन० १२६६) की फोटो-नकलसे ।