पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 35.pdf/४३१

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
४०३
पत्र : आई० संन्यास राजू तथा अन्य लोगोंको

आपको एक अलग वर्ग समझने और अपने लिए विशेष सुविधाएँ प्राप्त करनेके प्रयत्न अन्तमें व्यर्थ और अशोभनीय सिद्ध होंगे ।

हृदयसे आपका,

ले० कर्नल एच० ए० जे० गिडने
कलकत्ता
अंग्रेजी (एस० एन० १२६३९) की फोटो-नकलसे ।

२६८. पत्र : आई० संन्यास राजू तथा अन्य लोगोंको

स्थायी पता : आश्रम, साबरमती
१५ दिसम्बर, १९२७

प्रिय मित्र,

मैंने देशभक्त वेंकटप्पैयासे आन्ध्रके उन मित्रोंके नाम प्राप्त कर लिये हैं जिन्होंने खादी कार्यके लिए खादी बोर्ड, अब चरखा संघ द्वारा अग्रिम दिये गये धनके लिए समु- चित कानूनी गारंटियाँ दी थीं। मुझे बताया गया है कि आप इन गारंटी देनेवालोंमें से एक हैं और आपसे भुगतान प्राप्त करनेमें कठिनाई हो रही है । मैं आपसे जोरदार अपील करूँगा कि आप अपना दायित्व निभायें, जो केवल कानूनी ही नहीं, नैतिक भी है । और मेरी रायमें हम लोग, जो देशकी सेवा करनेका दावा करते हैं, केवल कानूनी दायित्वसे भी अधिक नैतिक दायित्वोंसे बँधे हुए हैं। इसलिए मैं आशा करता हूँ कि आप अपनी सम्पूर्ण सम्पत्तिमें से इस रकमके भुगतानको सबसे पहला स्थान देंगे, और अन्य मित्रोंको अपना दायित्व निभानेके लिए राजी करेंगे ।

हृदयसे आपका,

(१) इब्वातूरी संन्यास राजू, डेवडी ।
(२) गडे राजमन्नार, बरहामपुर ।
(३) उन्नव रामलिंगम् पंतुलु, म्युनिसिपल चेयरमैन, बरहामपुर ।
(४) मल्लादि कृष्णमूर्ति पंतुलु, वकील, बरहामपुर ।
(५) ठाकुर रामकृष्णराव[१] (जो अब काशी चले गये हैं) ।
अंग्रेजी (एस० एन० १२६४९) की माइक्रोफिल्मसे ।
 
  1. १. इनको पत्र नहीं भेजा गया था।