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११. भाषण : स्त्रियोंकी सभा, त्रिचनापल्ली में

२० सितम्बर, १९२७

प्रिय बहनो,

मुझे आपकी इस सभा में शामिल हो सकनेकी बहुत खुशी है । मैं आपका बहुत समय नहीं लेना चाहता। मैं आपसे केवल यही कहना चाहता हूँ कि भारत में इस समय जो राष्ट्रीय आन्दोलन चल रहा है, आप उसमें प्रमुख हिस्सा लें। मेरा अभिप्राय खादी कार्य और चरखेके सन्देश से है। इस कार्यका उद्देश्य भारतको उस भयंकर गरीबीसे मुक्त करना है जिससे वह इस समय ग्रस्त है। हमारी लाखों बहनें इस संकट में पड़ी हुई हैं। मैं और आप अगर अपना कर्त्तव्य करें तो उन्हें इस दुःखमें पड़े रहने की जरूरत नहीं है। वे भूखों मरती हैं, क्योंकि उनके अपने गाँवोंमें उनके लिए काम नहीं है। एक समय था जब उन्हें भूखों मरनेकी कोई जरूरत नहीं थी क्योंकि सौ बरस पहले हमारे गाँवोंकी हर झोंपड़ीमें चरखा चलता था । अवकाश मिलनेपर गाँव में रहनेवाली हमारी बहनें सूत कातती थीं। इस सुतसे बुनी गई खादी को गरीब-अमीर, सभी पहनते थे । चरखेके चलनके धीरे-धीरे बन्द हो जानेका एक कारण यह था कि आपने और मैंने खादी पहनना छोड़ दिया। अब चरखेको उसका पुराना स्थान फिरसे दिलानेका आन्दोलन शुरू किया गया है, और आपकी सहायताके बिना यह आन्दोलन आगे नहीं बढ़ सकता । आप जो मदद कर सकती हैं सो यह है कि विदेशों में बनी अपनी साड़ियोंका त्याग कर दें और खादी पहनें। इन गरीब लोगोंका विचार करना मेरा और आपका कर्त्तव्य है, लेकिन यह काम बिना धनके नहीं हो सकता । आपसे अपेक्षा है कि आप अपनी सामर्थ्य-भर चन्दा देंगी। सारे भारत में आपकी बहनोंने रुपया और अपने जेवर दिये हैं। आपने अपने अभिनन्दनपत्रमें कहा है कि आपके जेवर आपकी मितव्ययिताका परिणाम हैं। मैं तो यह बात नहीं मानता, क्योंकि ये जेवर आपको दिये गये हैं; इन्हें आपने खुद अपनी मेहनतसे नहीं बनवाया है। लेकिन निस्सन्देह जेवर स्त्रीधन है, और मैं चाहता हूँ कि आप अपनी गरीबसे-गरीब बहनको इसमें भागीदार बनायें। यदि आप भारतको धर्मभूमि बनाना चाहती हैं तो आप सबको सीताकी तरह बनना चाहिए। सीताका सौन्दर्य उनके बाहरी सौन्दर्य या उनके जेवरोंमें नहीं, बल्कि उनके हृदय में था । स्त्री अपने जेवरोंके कारण नहीं, बल्कि अपने हृदयकी पवित्रताके कारण पूजनीय होती है। इसलिए यदि आपको विश्वास हो कि खादीसे भारतका सारा संकट कुछ हदतक दूर हो जायेगा, तो आप इस अनुष्ठानके लिए अपने साथ जो पैसा लाई हैं वह पैसा और अपने जेवर भी दे डालें। अगर एक कदम और आगे जायें, तो मैं आपसे कहूँगा कि अपने खाली वक्त में आप चरखा चलायें। खाली वक्त में करने की दृष्टिसे औरतोंके लिए यह एक अच्छा काम है; आपका फिजूलकी गपशपके बजाय इस प्रकार उपयोगी