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२३१. भाषण : सर रामनाथन बालिका विद्यालय, जफनामें

२९ नवम्बर, १९२७

आजकी सुबह यहाँ आकर सचमुच मुझे अतीव प्रसन्नताका अनुभव हो रहा है। इस स्कूलमें आकर मानो मैं जफनाकी विभिन्न शिक्षण संस्थाओंको देखनेका क्रम निष्पन्न कर रहा होऊँ । आजकी सुबह यह सारा समारोह जिस सुरुचि और सादगीके साथ आयोजित किया गया है, सच मानिए, मेरा ध्यान उस ओर खासतौरसे गया है। मैं उदारतापूर्वक दी गई १,१११ रुपयेकी थैलीकी भी कद्र करता हूँ, जो अधिकांश थैलियोंसे भिन्न एक खादीके थैलेमें बन्द करके भेंट की गई है । और सबसे बड़ी बात तो यह है कि लेडी रामनाथनने सर पी० रामनाथनका भेजा एक तार मुझे दिया है, जो स्वयं इस समारोहमें शामिल नहीं हो पाये । यदि मैं सर रामनाथनकी उदारता और विचारशीलताके इस अमर स्तम्भको नहीं देख पाता तो मुझे बराबर इसका पछतावा रहता। लेडी रामनाथनने बहुत ही कृपापूर्वक मुझे आपके अभिनन्दन- पत्रकी एक प्रति, इस संस्थाकी रिपोर्ट और आपकी पत्रिकाकी दो प्रतियाँ पहले ही सुलभ करा दी थीं ।

आपने अपने अभिनन्दनपत्रमें यह वादा किया है कि आप इस दिनको एक वार्षिक उत्सवके रूपमें मनाने जा रही हैं और इसका उपयोग खादी-कार्यके लिए चन्दा इकट्ठा करनेके लिए करेंगी। इसने मेरे हृदयको छू लिया है। मैं जानता हूँ कि यह कोई थोथा वादा नहीं है, बल्कि आप इस वादेको धार्मिक निष्ठाके साथ निभाने जा रही हैं। जिन करोड़ों क्षुधार्त्त लोगोंके लिए मैं यह दौरा कर रहा हूँ, वे यदि अपनी बहनोंके इस संकल्पको समझ सकें तो मैं जानता हूँ कि उनके हृदय खिल उठें, लेकिन आपको यह जानकर दुख होगा कि यदि मैं यह बताने भी लगूं तो ये करोड़ों मूक लोग, जिनके लिए आपने मुझे यह थैली दी है और लंका-भरमें और भी बहुत सारी थैलियाँ दी गई हैं, ऐसी बातोंको समझ ही नहीं पायेंगे। उनके कष्टकर जीवनका मैं चाहे जितना और जैसा वर्णन करूँ, वह उनकी सही अवस्थाका चित्र नहीं पेश कर सकता।

इसपर से सहज ही यह प्रश्न उठता है कि उनके लिए और उन-जैसे लोगोंके लिए आपको क्या करना है। यह कह देना आसान है कि आप अपने जीवन में कुछ और सादगी अपनाइये, कुछ और परिश्रमी बनिये, लेकिन यह तो इस सवालके साथ खिलवाड़ करना होगा। मगर ऐसे ही विचारोंके कारण मैं चरखेकी ओर मुड़ा । जिस तरह मैं अभी आपसे कह रहा हूँ, उसी तरह मैंने अपने मनसे कहा कि यदि आप अपने और उन करोड़ों क्षुधार्त्त मानवोंके बीच कोई जीवन्त सम्बन्ध स्थापित कर सकें तो आपके लिए, उनके लिए और सारी दुनियाके लिए आशाका एक आधार हो जायेगा । आपको इस संस्थामें धार्मिक शिक्षा दी जाती है और यह बहुत अच्छी बात है। आपके यहाँ एक सुन्दर मन्दिर भी है। आपकी समय-सारिणीसे पता चलता