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भाषण : रेड्डियार संगम, कोलम्बोमें

नहीं कि अभी मैंने आपको जो सिद्धान्त सुझाया है, यदि आप अपने आचरणका नियमन उसके अनुसार करेंगे तो इससे आपकी शोभा और गौरव बढ़ेगा और आपके इस आरचणसे सारे भारतको, जिसकी मुक्तिके लिए हम अपनी पूरी शक्तिसे जूझ रहे हैं, सम्मान मिलेगा ।

[ अंग्रेजीसे ]
सीलोन डेली न्यूज, २६-११-१९२७

२१२. भाषण : रेड्डियार संगम, कोलम्बोमें

२५ नवम्बर, १९२७

मैं आपको इन सारे मानपत्रों और थैलियोंके लिए धन्यवाद देता हूँ । मैं देखता हूँ कि जैसे-जैसे लंकासे प्रस्थान करनेका मेरा समय निकट आता जाता वैसे-वैसे आपके हृदयमें मेरे लिए अधिकाधिक स्थान बनता जा रहा है और उसीके साथ मानपत्रोंका आकार भी बढ़ता जा रहा है। लेकिन, आप रेड्डियार बन्धुओंको तथा दूसरे लोगोंको मेरे बारेमें ज्यादा जानकारी होनी चाहिए थी और आप सबको यह भी मालूम होना चाहिए था कि यदि आप मुझे बड़े-बड़े फ्रेमोंमें मढ़वाकर मान- पत्र देंगे तो आपको साबरमती आश्रममें एक ऐसी जगह भी तलाश देनी चाहिए जहाँ मैं इन्हें रख सकूँ । यदि आप उदारतावश मुझे इन सारे मानपत्रोंको रखनेके लिए एक बड़ा भवन बनवाने के निमित्त हजारों रुपये देनेको तैयार होते तो मैं आपसे यही कहता कि यदि आपके पास इतना पैसा है कि इन चीजोंके रखनेके निमित्त मेरे लिए एक घर बनवा सकें तो सारा पैसा मुझे दे दीजिए; उसका उपयोग भारतकी क्षुधातं बहनोंको अधिक भोजन देनेके लिए किया जायेगा। आपको यह भी मालूम होना चाहिए था कि पिछले कई वर्षोंसे मैं व्यक्तिगत उपयोगके लिए कोई मूल्यवान् उपहार स्वीकार नहीं करता। आपको इतना तो मालूम होगा ही कि मुझे ऐसे मानपत्रों- को, जिन सभाओंमें ये भेंट किये गये हैं उन्होंमें नीलाम कर देनेमें कोई संकोच नहीं हुआ है और इस कारण लोग मुझपर अशिष्टताका आरोप लगायेंगे, ऐसा भी कोई खतरा मुझे नहीं रहा है। लेकिन, इस सुन्दर द्वीपमें, जहाँ मुझे अजनबी माननेकी भूल की जा सकती है, मैंने सिंहली भाइयोंकी भावनाका खयाल करके उनके भेंट किये हुए मानपत्रोंको नीलाम नहीं किया। लेकिन, यहाँ तो मैं जानता हूँ कि आप मुझे गलत नहीं समझेंगे। इसलिए मैं आपकी अनुमतिसे -- मैं मान लेता हूँ कि आप अनुमति तो दे ही देंगे -- इनको नीलाम करना चाहता हूँ। इससे जो पैसा मिलेगा उससे आपके द्वारा भेंट की गई थैलियोंकी राशि में वृद्धि होगी और भूखे लोगोंके मुहमें दाने पड़ेंगे । वास्तवमें मैं आपके मानपत्रोंको मुझे ऐसा करनेका प्रलोभन देनेवाली चीज मानता हूँ, और इसलिए मैं ज्यादा लम्बा भाषण देकर आपका और अपना वक्त बर्बाद नहीं करूंगा ।