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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

जो आप बचायेंगे, उसके मतलब होंगे सोलह भूखी स्त्रियोंके लिए भोजन, और मैं उन्हीं भूखी स्त्रियोंकी ओरसे आपका समर्थन प्राप्त करनेके लिए आपके द्वीपमें आया हूँ । मेरे लिए यह बहुत खुशीकी बात है कि यहाँके लोगोंने मेरी अपीलका बड़ी उदारतासे जवाब दिया है। मुझे बताया गया है कि यह थैली श्रमिकों और कंगानियों[१] तथा इसी प्रकार- के लोगों द्वारा स्वेच्छासे दिये गये चन्देसे इकट्ठा की गई है। मैं इस उदारताका प्रत्यु- त्तर केवल कोरे धन्यवादसे ही दे सकता हूँ, लेकिन मैं यह अवश्य जानता हूँ कि इस थैलीके लिए जिस-जिसने स्वेच्छासे चन्दा दिया है उसे ईश्वर सुखी रखेगा। आप अपने ऐश्वर्य प्रसाधनों, इत्र, खिलौनों, गहनों तथा दिखावटी बढ़िया कपड़ोंपर जो भी पैसा खर्च करते हैं वह तो धनकी बर्बादी मात्र है; लेकिन आप इत्मीनान रखें कि इस उद्देश्यके लिए दिया गया हर रुपया, हर गिन्नी दस गुनी मात्रामें आपके पास लौटेगी, और यदि इस सभामें कोई लोग ऐसे हों जिन्होंने इस थैलीमें चन्दा नहीं दिया है अथवा जिनसे किसीने माँगा नहीं है, तो मैं उनसे कहूँगा कि मेरे भाषणके दौरान वे धीरेसे अपना चन्दा मेरे पास भेज दें। बादुल्लाकी सभामें जैसी उदारता दिखाई गई, और सभामें मेरी अपीलका जैसा जवाब मिला उससे मेरा हौंसला बढ़ा है कि मैं आपसे यह अपील करूँ। आप जानते हैं कि भारतके लाखों गाँवोंमें प्रत्येक घर इस समय जर्जर हो गया है क्योंकि ये बेचारे लोग कृषिसे होनेवाली अपनी आयको जिस एकमात्र उद्योगके सहारे पूरा करते थे उस उद्योगसे उन्हें वंचित कर दिया गया है। मैं आशा करता हूँ कि मित्र लोग जब चन्दा इकट्ठा कर रहे हों उस समय कोई शोर नहीं किया जायेगा । आप मेरे बोलते समय कृपया शांति रखें क्योंकि मैं उन मजदूरोंसे जो इस सुन्दर पहाड़ीके चारों ओर फैले पड़ौसके बागानोंसे आये हैं और जो मेरे सामने और पीछे दिखाई पड़ रहे हैं, एक व्यक्तिगत अपील करना चाहता हूँ ।

आप मजदूरोंसे मैं चाहता हूँ कि आप समझ लें कि मैं भी आपमें से एक हूँ और करीब ३० वर्ष पहले जब मैं दक्षिण आफ्रिका गया था, तभीसे मैं अपना भाग्य आपके भाग्यके साथ जोड़ता रहा हूँ। मैं चाहता हूँ कि आप पुरुष और स्त्रीके रूपमें अपनी गरिमाका अनुभव करें, उसे पहचानें। आप मजदूर हैं, इस कारण अपने आपसे हिकारत मत कीजिए और न किसी दूसरेको करने दीजिए। सच्चे श्रममें न कभी शर्म थी और न है। इन पहाड़ियोंके चारों ओर मजदूरोंके अस्तित्वके अभावमें इन इलाकोंकी आज जो स्थिति है वह असम्भव थी, लेकिन यदि आपको अपनी गरिमाकी रक्षा करनी है, तो उसके साथ कुछ सुनिर्धारित शर्तें जुड़ी हुई हैं। सबसे पहली और जरूरी शर्त है कि आप शराबकी दूकानोंके पास भी न फटकें। शराब ऐसा शैतान है जिसके जालमें आपको नहीं फँसना चाहिए। शराबके प्रभावमें आया हुआ आदमी अपनी पत्नी और बहनोंके बीचका भेद भूल जाता है। इसलिए यदि आपने शराब अबतक न छोड़ दी हो तो आप पवित्र संकल्प करें कि आप इस अभिशप्त जलके स्पर्शसे अपने होंठ गन्दे नहीं करेंगे, बल्कि यदि स्वयं अपने लिए और अपने परिवारोंके लिए खाने-कपड़ेका इन्तजाम करनेके बाद आपके पास अलग रखनेको कुछ पैसा बच रहे तो उसे ज्यादा अच्छे उद्देश्यके लिए

  1. १. मजदूरोंके ठेकेदार