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भाषण : बादुल्लाकी सार्वजनिक सभामें

वह कारण यह है कि इस समय मैं भारतके उन करोड़ों लोगोंके आत्मनियुक्त प्रतिनिधिके रूपमें यात्रा कर रहा हूँ जिनकी दशा यहाँ उपस्थित आपमें से किसीकी भी अपेक्षा कहीं ज्यादा बुरी है। आपने मुझे जो थैलियाँ भेंट होते देखी हैं, वे इन्हीं लोगोंके वास्ते दी गई हैं ।

इस थैलीके हर रुपयेका इस्तेमाल प्रतिदिन कमसे-कम १६ स्त्रियोंको उनकी झोंपड़ीमें रोजी दिलाने के लिए इस्तेमाल होगा । ये वे स्त्री-पुरुष हैं जो अधपेट रहनेके बावजूद अपना घर, अपनी झोंपड़ी और अपने खेतोंको छोड़ नहीं सकते। उस धनसे जो साल-भर इकट्ठा किया जाता रहता है, प्रतिवर्ष लगभग ५०,००० स्त्रियोंको चरखा उद्योगके जरिये उनके घरोंमें सहायता दी जा रही है।

इन कतैयोंके पीछे कई हजार बुनकरों, रंगरेजों, छपाई करनेवालों, धोबियों तथा अन्य लोगोंको भी मदद पहुँचाई जा रही है, जो अगर कताईका पुनरुद्धार न हुआ होता तो बेरोजगार होते ।

यह काम एक अखिल भारतीय संस्थाके जरिये किया जा रहा है जिसे अखिल भारतीय चरखा संघ कहते हैं। इसमें कई आत्मत्यागी लोग हैं जो या तो लखपतियोंके बेटे हैं या जिनकी योग्यता और ईमानदारी स्वयं सिद्ध है।

हालाँकि इस कामके लिए मैं धनवान लोगोंसे खुशीसे पैसा इकट्ठा करता हूँ, लेकिन मुझे आप-जैसे गरीब लोगोंसे, जो मेरे सामने बैठे हैं, धन इकट्ठा कर सकनेमें बहुत ज्यादा खुशी होती है। खुशीसे दिये गये हरएक पैसे, हर आनेका भी वैसा ही स्वागत है जैसा कि किसी धनीके एक या दस रुपयेके नोटका ।

मैं जानता हूँ कि अपनी उपस्थितिसे इस अवसरकी शोभा बढ़ानेवाले आप लोगोंमें से बहुतसे लोग ऐसे हैं जिन्हें इस कोषमें कुछ चन्दा देनेका अवसर ही नहीं दिया गया । यदि मेरा अनुमान सही है, और आपमें से बहुतसे लोगोंने चन्दा नहीं दिया है तो मैं आपको निमन्त्रित करता हूँ कि यदि आपका मन हो तो आप इस सभासे जानेसे पहले इस उद्देश्यके लिए अपनी सामर्थ्य-भर देकर जायें ।

मुझे आपको यह सूचित कर सकनेकी खुशी है कि अभी जब मैं श्रोताओंसे यह अपील कर ही रहा हूँ, एक सज्जनने प्रकटतः अपनी जेबका सारा धन पहले ही भेज दिया है जो आठ रुपये और कुछ आने है ।

लेकिन एक अधिक गम्भीर चीज जिसका मैं आपसे जिक्र करना चाहता हूँ, यह है कि आपको खादी पहनकर इन क्षुधापीड़ित लाखों लोगोंके साथ जीवन्त सम्बन्ध स्थापित करना चाहिए। ये लोग चन्देमें प्राप्त होनेवाले इन रुपयोंकी सहयतासे यह खादी तैयार करते हैं। मैं जो खादी तैयार करता हूँ उसके लिए यदि मुझे ग्राहक नहीं मिलते तो चन्देमें प्राप्त होनेवाले ये सारे रुपये बिलकुल बेकार होंगे। मैं देख रहा हूँ कि मेरी अपीलका जवाब मिलना पहले ही शुरू हो गया है, और यदि आपमें से प्रत्येक व्यक्ति अपने हाथ जेबमें डाल दे, अपनी निगाह उन लोगोंपर रखे जो चन्दा एकत्र कर रहे हैं और कान मेरी ओर लगाये रहे तो मैं जो सन्देश आपको देनेवाला हूँ वह आसानीसे दे सकूँगा ।