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भाषण : धर्मराज कालेज, कैण्डीमें

मैं आपको अभिनन्दनपत्रों तथा थैलियोंके लिए एक बार फिरसे धन्यवाद देता हूँ ।

[ अंग्रेजीसे ]
विव गांधीजी इन सोलोन

१८६. भाषण : धर्मराज कालेज, कैण्डी में

१८ नवम्बर, १९२७

यह मेरा सौभाग्य रहा है कि संसारके जिस किसी भागमें मैं गया हूँ, मैंने अपने आपको सुखी महसूस किया है और अपनेको सुखी बना लिया है। अगर मैं ऐसा करने में समर्थ न होता तो शायद बहुत पहले मैं आत्महत्या किये बिना ही मर गया होता । लेकिन जब मैं अपने पारसी मित्रोंसे मिलता हूँ तो मुझे दुगुना सुख मिलता है। आप वास्तवमें यह सब नहीं समझ सकते। आप शायद यह भी सोच सकते हैं कि मैं मजाक कर रहा हूँ। यह मजाक नहीं है। बात गम्भीर है, क्योंकि दक्षिण आफ्रिका और भारतमें पारसियोंके साथ मेरा निकटका सम्पर्क रहा है, और उनसे मुझे व्यक्तिगत तौरपर प्रेम ही प्रेम प्राप्त हुआ है। आप बेशक अब भी यह न जानते हों लेकिन आपके सामने मुझे यह स्वीकार करते हुए बहुत खुशी होती है कि मेरे श्रेष्ठ कार्य- कर्ताओंमें से कुछ पारसी हैं, और वे हैं भारतके पितामहकी तीन पौत्रियाँ ।

लेकिन अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक मामलोंके ऊपर मैं आपका बहुत समय नहीं लेना चाहता। इस थैलीके लिए मैं आपको बहुत धन्यवाद देता हूँ और आपसे मिलनेका मुझे यह सुअवसर मिला, इसकी मुझे खुशी है।

जैसा कि कुछ देर पहले मैंने ट्रिनिटी कालेजके विद्यार्थियोंको बताया है, आपकी शिक्षाका निर्माण अगर सचाई और पवित्रताकी ठोस बुनियादपर न हुआ तो आपकी शिक्षा बिलकुल व्यर्थ है। यदि आप लड़कोंने अपने जीवनकी व्यक्तिगत पवित्रतापर ध्यान नहीं दिया, यदि आप मन, वचन और कर्मसे शुद्ध बननेके प्रति सतर्क न रहे तो मैं आपको बता दूं कि आपका जीवन व्यर्थ है, चाहे आप पूर्ण रूपसे विद्वान मले बन जायें ।

मुझसे आप लोगोंका ध्यान एक बातकी ओर दिलानेको कहा गया है। पवित्रता तो सबसे पहले निर्मल हृदय रखनेमें है, लेकिन हृदयमें जो कुछ होता है वास्तवमें वह बाहरी कार्यों और बाहरी व्यवहारके रूपमें प्रकट हो जाता है। जो लड़का अपना मुख शुद्ध रखना चाहता है वह कभी अपशब्द नहीं कहेगा। बेशक यह बात बिलकुल स्पष्ट है। लेकिन वह कभी अपने मुँहमें ऐसी कोई चीज भी नहीं रखेगा जिसके कारण उसकी बुद्धि मन्द हो, उसका मस्तिष्क विकृत हो और जिससे उसके मित्रोंको हानि पहुँचे।

मुझे पता है कि कुछ लड़के धूम्रपान करते हैं और लंकामें आप सब उतने ही बुरे हैं जितने बुरे बर्माके लड़के हैं, हालाँकि धूम्रपानकी इस बुरी आदतकी दृष्टिसे