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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

इसीलिए मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि बुद्धके इस देशके लोग, देशके अन्य भागोंके समान ही शराबके आदी हैं ।

इस द्वीपके आँकड़ोंका अध्ययन करनेपर मुझे पता चला कि सामान्य राजस्वमें शराबसे होनेवाली आयका महत्त्वपूर्ण स्थान है। मुझे यह जानकर तो और भी धक्का लगा कि शराबकी इस आदतको भारतके विपरीत यहाँ शर्म व अनादरकी चीज नहीं माना जाता।

आप जानते हैं कि मैं ऐसे देशमें पैदा हुआ हूँ जहाँ गौतमने जन्म लिया, जहां उनको ज्ञानकी प्राप्ति हुई और जहां उन्होंने अपना जीवन बिताया। लंकाके बौद्ध धर्मके विद्वान चाहे जो-कुछ कहें, लेकिन मैं चाहता हूँ कि आप मुझसे यह बात तो जान लीजिए कि शराबकी यह आदत बुद्धकी भावनाके बिलकुल विपरीत है। क्योंकि इस देशमें हिन्दू-धर्म, ईसाई धर्म और इस्लामके माननेवाले काफी लोग हैं, अतः मैं आपको यह बता दूं कि हिन्दू धर्ममें मद्यपान पाप माना जाता है । इस्लाममें भी इसे वर्जित माना गया है। मुझे यह स्वीकार करते हुए दुख होता है कि ईसाई-धर्म-प्रधान यूरोपमें मद्यपानको अनादरकी दृष्टिसे नहीं देखा जाता, लेकिन आपको यह बताने में मैं खुशी महसूस करता हूँ कि हजारों नहीं तो ऐसे सैकड़ों लोगोंने जिनसे मित्रता करनेका मुझे सौभाग्य मिला है, यह विश्वास दिलाया है कि मद्यपानकी यह आदत ईसाकी भावनाके बिलकुल विरुद्ध है।

ईसाई-धर्मी अमेरिकाके साथ मेरा काफी निकटका सम्पर्क है । आप जानते है कि अमेरिकाके लोग शराबकी इस बुराईके विरुद्ध कितनी बहादुरीसे लड़ रहे हैं। इसलिए मैं आप सबसे, चाहे आप बौद्ध धर्मके माननेवाले हों, चाहे हिन्दू हों, ईसाई हों या मुसलमान हों, आदरपूर्वक यह आग्रह करता हूँ कि इस देशको शराबके अभिशापसे मुक्त करनेके महान प्रयत्नमें आप सब एक हो जायें।

ठंडे जलवायुवाले प्रदेशोंमें दवाके तौरपर शराबकी आवश्यकताके सम्बन्धमें चाहे जो-कुछ कहा जाये, लेकिन इस बातसे तो हरेक सहमत है कि ऐसे समशीतोष्ण कटि- बंघमें शराब पीनेकी तो कोई भी बात नहीं है ।

एक और बात जिसकी ओर मैं आप सबका ध्यान दिलाना चाहता हूँ वह है संसारके सबसे उदार धर्म बौद्धधर्म में विद्यमान अस्पृश्यता। मैं चाहता हूँ कि आप तुरन्त यह घोषणा करनेके लिए कदम उठायें कि प्रत्येक व्यक्ति आपके साथ बराबरीका दर्जा रखता है। जबतक आप एक भी व्यक्तिको अस्पृश्य मानते हैं तबतक आप बौद्धधर्म और मानवतासे विमुख समझे जायेंगे । अन्तमें, क्योंकि आपने मेरे उद्देश्यमें काफी रुचि ली है, मैं चाहता हूँ कि जबतक आपके कपड़े इस सुन्दर देशमें ही तैयार नहीं होते तबतक खादीका ही कपड़ा खरीद- कर आप अपनी सहानुभूतिको और व्यापक बनायें ।

मेरे नाई मित्रोंने मुझे एक अभिनन्दनपत्र और एक थैली भेंट की है। यह लाखों भूखे लोगोंके लिए उनके सहयोगियोंकी ओरसे सहानुभूतिकी ऐसी अभिव्यक्ति है जिससे मैं बहुत प्रभावित हुआ हूँ । यदि समृद्धिशाली लोग अभावग्रस्त लोगोंका सदैव ध्यान रखें तो मुझे और भी खुशी होगी ।