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१६६. भाषण : चेट्टियार लोगोंकी सभा, लोगोंकी सभा, कोलम्बोमें

१३ नवम्बर, १९२७

मित्रो,

मैं आपको इन तमाम थैलियोंके[१] लिए, जो आपने मुझे बहुत ही सुव्यवस्थित ढंगसे बिना कोई अनावश्यक समय लगाये भेंट की हैं, धन्यवाद देता हूँ। मुझे लगता है कि मैं फिर चेट्टिनाडमें खड़ा हुआ हूँ। चेट्टिनाडकी अपनी हालकी यात्राकी मेरी सुखद स्मृतियाँ फिरसे ताजा हो उठी हैं। उनकी उदारता और कृपा मैं कभी नहीं भूलूंगा, और आप यहाँ कोलम्बोमें वही सब फिरसे दोहरा रहे हैं जो मैंने चेट्टिनाडमें देखा था। आपसे इन तमाम उपहारों और मेहरबानियोंको प्राप्त करनेमें मुझे केवल इसी बातका सन्तोष है कि यह सब दरिद्रनारायणके लिए किया जा रहा है। और यह देखते हुए कि मैं अपने आपको भारतके करोड़ों कंगालोंका एक विनम्र न्यासी- मात्र समझता हूँ, मुझे इन उपहारोंको स्वीकार करनेमें न केवल कोई लज्जा नहीं है, बल्कि आपकी उदारता और कृपा देखकर मेरा मन और माँगनेका होता है। आप कितने ही धनवान और उदार हों, लेकिन वास्तवमें किसी एक समुदाय के लिए दरिद्र- नारायणके करोड़ों मुँह भरना सम्भव नहीं है, और यदि आपके बीच ऐसे लोग हों जिन्होंने कुछ न दिया हो या दिया हो तो कंजूसीके साथ दिया हो, तो मैं आपसे अपील करूंगा कि आप दरिद्रनारायणके नामपर अपनी थैलियाँ खोलिए और जितना दे सकते हों उतना दीजिए। किसी भारतीयके लिए धनका इससे अच्छा उपयोग मैं नहीं सोच सकता, वह चाहे भारतमें रहता हो या भारतसे बाहर । और आपकी उदारता केवल धन देकर ही समाप्त नहीं हो जानी चाहिए। यदि आप करोड़ों मूक लोगोंके साथ जीवन्त सम्बन्ध जोड़ना चाहते हैं तो आपको खादी अवश्य पहननी चाहिए। खादी उन्हीं क्षुधाग्रस्त लोगोंके हाथोंसे तैयार होती है। यदि आप इन्हीं रास्तों पर चलते रहे तो आप देखेंगे कि यदि आपको अपना जीवन शुद्ध बनानेके लिए करोड़ों मूक लोगोंके साथ निरन्तर सम्बन्ध बनाये रखना है तो खादी पहनना जरूरी ही है। जहाँ-कहीं शुद्ध प्रेम है, वहीं उदारता है, और जहाँ व्यक्तिगत शुद्धता है, वहाँ उस समाजमें तत्काल एकता उत्पन्न हो जाती है। आप देखेंगे कि शुद्धताकी तरफ उठाया गया आपका एक कदम दूसरे कदमकी शुरुआत होगा ।

आप एक ऐसे देशमें है, जिसे अजनबी समझा जा सकता है। भौगोलिक और राजकीय दृष्टिसे लंका भारतका अंग नहीं समझा जाता । इस देशमें रहनेवाले व्या- पारियोंके रूपमें आपसे अपेक्षित है कि आप यहाँके निवासियोंके साथ अनुकरणीय ढंगसे और ईमानदारीके साथ व्यवहार करें। आपके आचरणसे भारतके करोड़ों लोगोंके आचरणके सम्बन्धमें धारणा बनाई जायेगी। इसलिए मैं आशा करता हूँ कि आपका

  1. १. लंका में खादी-कोषके चन्देके लिए, देखिए परिशिष्ट १।