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१४३. तार : जालरस्टको

५ नवम्बर, १९२७

जालरस्ट
[१] बम्बई

आज रात गुजरात मेलसे रवाना हो रहा हूँ । ग्रान्ट रोड स्टेशनपर मिलो। स्टेशनसे सीधा कोलम्बो जानेके लिए जहाज पकड़ने चला जाऊँगा ।

अंग्रेजी (एस० एन० १२८३८) की माइक्रोफिल्मसे ।

१४४. तार : चक्रवर्ती राजगोपालाचारीको

च० राजगोपालाचारी

गांधी आश्रम

तिरुचेङ्गोडु

कल सवेरे तड़के जहाजसे रवाना हो रहा हूँ । लगभग दसको कोलम्बो पहुँचूँगा । कोलम्बो तार दें। लक्ष्मीको साथ लायें ।

बापू

अंग्रेजी (एस० एन० १२८३८) की माइक्रोफिल्मसे ।

१४५. पत्र : घनश्यामदास बिड़लाको

बम्बई
रविवार [६ नवम्बर, १९२७]

[२]

भाई घनश्यामदासजी,

आपका पत्र मीला है। अनायास ही मीला । क्योंकी जिस जहाजमें मैं जानेवाला था वह रुक गया ।[३] अच्छा हुआ ।

  1. १. सम्भवतः जालभाई और रुस्तमजीको फर्म ।
  2. २. लंका जानेवाले जहाजके रुक जानेके उल्लेखसे ।
  3. ३. देखिए अगला शीर्षक ।