पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 35.pdf/१५९

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१३१
खादीके नमूने

रख सकते हैं, रास्ता दिखा सकते हैं और मदद कर सकते हैं। इस प्रतिमाको हटानेका आन्दोलन एक भयंकर रोगके एक लक्षण-मात्रका नाश करनेका आन्दोलन है। और इस प्रतिमाको हटानेसे हालाँकि रोग ठीक नहीं होगा, तथापि इससे पीड़ामें कुछ कमी होगी और रोगके निदानका रास्ता मिलेगा । अकसर किसी गहरे रोगके बाह्य चिह्नोंपर प्रहार करनेसे मूल रोगकी जड़तक पहुँचा जा सकता है। इसलिए सत्याग्रही स्वयंसेवक जबतक शुद्ध ढंगसे और सत्याग्रहकी शर्तोंका पालन करते हुए युद्ध करते जायेंगे, तबतक वे लोगोंकी मदद और सहानुभूतिके अधिकारी बने रहेंगे ।

[ अंग्रेजीसे ]
यंग इंडिया, १३-१०-१९२७

८७. खादीके नमूने

अ० मा० चरखा संघके तकनीकी विभागकी ओरसे मुझे खबर मिली है कि सभी खादी मण्डारोंने अपने-अपने नमूनोंके साथ आवश्यक विवरण नहीं भेजे हैं, और कुछने तो अपने नमूने भी नहीं भेजे हैं। जिन लगभग ४० जगहोंसे नमूने आये हैं, उनमें लगभग २० ने आवश्यक सभी विवरण नहीं दिये हैं। इसलिए वे विवरण क्या हों, यह मैं नीचे देता हूँ

हरएक टुकड़ा चार वर्गगजका होना चाहिए, जिसके साथ चाहिए, जिसके साथ एक पुर्जा इन विवरणोंके साथ होना चाहिए :

१. (इंचोंमें) अरज;
२. थानकी लम्बाई (गजोंमें) ;
३. तानेमें प्रति इंच सूतोंकी संख्या, तानेके सूतका अंक और भरनीमें फी इंच सूतोंकी संख्या;
४. फी वर्गगजका तौल (तोलोंमें) ;
५. फी गज लागत; और
६. फी गज बिक्रीकी कीमत ।

खादी मण्डारोंको समझना चाहिए कि ये विवरण देना उनके लिए भी उतना ही लाभकर है जितना कि साधारण खादी-आन्दोलनके लिए। यदि तकनीकी विभागको उसके अनुसन्धान कार्यमें विभिन्न खादी भण्डारों और अन्य कार्यकर्त्ताओंकी सहायता नहीं मिलती तो उसके लिए सामान्य अनुमान लगाना, निष्कर्ष निकालना और खादी उत्पादकोंका मार्गनिर्देशन करना असम्भव है। और जबतक प्रधान कार्यालयके आदेशका उसके नीचेकी सब संस्थाएँ तुरन्त पालन न करें तबतक अनुशासनका विकास करना असम्भव होगा, और जबतक सभी जगह स्वेच्छया अनुशासनका पालन न किया जायेगा तबतक अ० भा० चरखा संघके लिए अपना उद्देश्य पूरा कर पाना असम्भव होगा ।

[ अंग्रेजीसे ]
यंग इंडिया, १३-१०-१९२७