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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

खादीसे सम्बन्धित ज्ञानकी जरूरत होगी। यदि तुम इन दो गुणोंको प्रगट कर सके तो पत्रिका अवश्य अमूल्य सिद्ध होगी।

बापूके आशीर्वाद

गुजराती (एस० एन० ९७६३) की फोटो-नकलसे ।

५८. भाषण : स्त्रियोंकी सभा, राजापालयम्में

४ अक्टूबर, १९२७

इसके बाद महात्माजीने सभामें हिन्दीमें भाषण दिया, जिसका अनुवाद तेलुगू में किया गया। अभिनन्दनपत्र और थैलियोंके लिए उन सबको धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि आपने यह पैसा दरिद्रनारायणके लिए दिया है। लेकिन इस पैसेको स्वीकार करते हुए मुझे हर्ष और दुखके मिश्रित अनुभव हो रहे हैं -- हर्ष इस बातपर कि आपने खादी कोषके लिए पैसा दिया, और दुख यह देखकर हो रहा है कि पिछले छः या सात सालसे आपमें खादीका प्रचार करनेके लिए अविरत कार्य करनेके बावजूद आपमें से बहुत कम स्त्रियाँ खादी पहने हैं। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा कोई भी कारण दिखाई नहीं दिया जिसकी वजहसे आप, आन्ध्रकी क्षत्रिय स्त्रियाँ परदे रहें । यदि आप घरमें ही पड़ी रहेंगी, लोगोंके बीच नहीं आयेंगी तो आप कभी भी यह नहीं जान पायेंगी कि दुनियामें क्या-क्या हो रहा है। मैं चाहता हूँ कि आप विदेशी वस्त्रको त्याग दें तथा केवल खादी ही पहनें। मुझे मालूम है कि आप काफी धनवान हैं, लेकिन मैं आपको यह बता दूं कि ऐसी हजारों गरीब बहन हैं, जिन्हें दिनमें एक जून खाना भी नसीब नहीं होता। ऐसी बहनोंको चरखा जीविका प्रदान कर सकता है। लेकिन अगर धनवान लोग खादी नहीं पहनते तो वे गरीब बहनें कुछ नहीं कमा सकेंगी। आप याद रखिए कि इस देशके प्रत्येक पुरुष, स्त्री और बच्चेको एक धर्म निभाना है, और वह धर्म है खादी पहनना। आपको सीतादेवीके समान अपने धर्मका पालन करना चाहिए और यदि आप सब सीताके समान आचरण करें तो आपको में यह बता दूं कि रामराज्य अवश्य स्थापित हो जायेगा। यदि आप अपने गरीब भाई-बहनोंके प्रति सहानुभूति और प्रेम प्रकट नहीं कर सकतीं तो आपके जीनेका क्या लाभ ? राजापालयम्की खादी काफी अच्छी होती है और सौ चरखे मुफ्त बाँट कर खादी कार्यके प्रचारका प्रयत्न किया जा रहा है। इसलिए मैं आपसे उनके द्वारा काता और बुना कपड़ा पहननेको कहूँगा। जो रुपये आपने मुझे दिये हैं, उनका उपयोग खादीके उत्पादनके लिए तथा जरूरतमन्द लोगोंको चरखे देने के लिए किया जायेगा। अन्तमें महात्माजीने स्त्रियोंसे खादी कोषके लिए पैसा और जेवर देनेके लिए कहा। इसी सिलसिलेमें उन्होंने यह भी कहा कि जेवर नहीं बल्कि निर्मल हृदय नारीको