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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

  वे बराबर खादी प्रतिष्ठानके पेटी चरखेपर ही काता करते थे। वे बड़े पक्के खादी भक्त थे और अवकाशके समय कात कातकर ही उन्होंने कताईमें इतनी जल्दी प्रगति की थी।

मैं दिवंगतके परिवारसे संवेदना प्रकट करता हूँ और आशा करता हूँ कि योगेश्वर बाबूकी मृत्युके साथ ही पुरानी कलाको पुनरुज्जीवित करनेका प्रयास नहीं मर जायेगा। स्मरण रहे कि योगेश बाबूका इतनी मेहनत करनेका कारण केवल उनका देशप्रेम ही था। केवल स्वेच्छासे कातनेवाले ही उनके इस महान प्रयत्नका अनुकरण कर सकते हैं।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया, १७-२-१९२७

९१. पत्र: हैरी किंगमैनको

सत्याग्रहाश्रम
साबरमती[१]
१८ फरवरी, १९२७

प्रिय मित्र,

मैं आपके पत्रके लिए जो बहुत युक्तियुक्त है, आपको धन्यवाद देता हूँ[२]। क्या आप मुझे चीनी-आन्दोलनके सम्बन्धमें विश्वसनीय साहित्य दे सकते हैं और आजकल जो घटनाएँ वहाँ हो रही हैं, उनकी सच्ची तसवीर बता सकते हैं? मैं समाचार-पत्रोंपर कभी बहुत भरोसा नहीं करता और मैं यह जाननेके लिए बहुत ही उत्सुक हूँ कि इस समय चीनमें क्या हो रहा है।

हृदयसे आपका,
मो॰ क॰ गांधी

श्री हैरी किंगमैन


६८. रिक्रिएशन रोड
टियेन्टसिन


चीन

अंग्रेजी (जी॰ एन॰ ५०४३) की फोटो-नकलसे।

  1. स्थायी पता।
  2. देखिए "हमारी बेबसी", ३-२-१९२७।