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निष्क्रिय प्रतिरोध, सही और गलत
हूँ। मैं जानता हूँ कि जब विश्वविद्यालय छोड़कर जाऊँगा तो कमसे-कम मेरे एक मित्रको तो मेरा जाना अवश्य ही बहुत खलेगा।
एक 'रेल रोड ईसाई युवक सभा' के मन्त्री एक दिन १२ डेनमार्कवासियोंको सभा भवनमें लाये। ये लोग रेलकी लाइनपर काम करते थे। इनके लिए सोनेके लिए कोई जगह नहीं थी। अंग्रेजी-भाषी लोग, जातीय विरोधके भावसे प्रेरित होकर इन विदेशियोंको यहाँ लानेपर ऐतराज करने और नाराजी जाहिर करने लगे। इन आगन्तुकोंमें एक बढ़िया संगीतज्ञ भी था। जब ये अमेरिकी अपने मन्त्रीसे ऐतराज कर रहे थे उसने अपना बाजा बजाना शुरू कर दिया। उसने उसमें बहुत सुरीली ध्वनि निकाली और उसका तुरन्त प्रभाव पड़ा। उन 'स्वदेशियों' के चेहरोंपरसे रोषका भाव जाता रहा और निन्दाके शब्द होंठोंपर ही रह गये। उनके दिल पसीज गये और वे उस रातको देरतक मुग्ध होकर उस विदेशीका बाजा सुनते रहे। पीटर राबर्ट्सकी 'नया प्रवास', मैकमिलन कं॰, १९२२, पृष्ठ ३००।
एक्स, केलिफोर्निया में एक जगह जापानियोंकी एक बस्ती है। कई साल हुए एक जमींदारने जमीनका एक खासा बड़ा टुकड़ा अन्य जापानियोंको बेचना चाहा। इसपर गोरे लोग यह सोचकर बहुत झल्लाए कि यों तो यहाँ जापानियोंकी बाढ़ ही आ जायेगी। उन्होंने सभाएँ कीं और मुख्य सड़कपर लिखकर टाँग दिया, "जापानियोंका यहाँ कोई काम नहीं है।"
वहाँके पुराने जापानी बाशिन्दोंने, जिनका गोरोंसे मेलजोल था और जो उनके किसान मण्डलके सदस्य भी थे, गोरोंसे बात की और अन्तमें वे इस बातपर सहमत हो गये कि वहाँ जापानियोंको संख्याका और बढ़ना अच्छा नहीं होगा। इसपर उस वाक्यका रूप बदलकर "यहाँ और अधिक जापानियोंकी जरूरत नहीं है" कर दिया गया।
जिस आदमीने यह बात कही, उसका यह भी कहना है कि इससे उस समाजकी एकतामें वृद्धि हुई और वहाँके गोरों और जापानियोंके सम्बन्ध मीठे बने। इसका पता नीचेके उदाहरणसे लगता है।
उस स्थानके जापानियोंको जब पता चला कि अमेरिकाका धर्म-संघ पैसेकी तंगीमें है तो उन्होंने खास अपने जापानी धर्म-संघको चलाने के अलावा उसको भी सहायता के लिए हर साल एक निश्चित रकम देनेकी इच्छा प्रकट की।

पहला उदाहरण तो सहज ही सच्चे निष्क्रिय प्रतिरोधकी कोटिमें आ जाता है। दूसरेमें निष्क्रिय प्रतिरोधका भाव उतना नहीं जितना समय-सूचकताका। तीसरा उदाहरण, अगर बयान ठीक-ठीक किया गया हो तो कायरताका न सही, स्वार्थपरताका अवश्य कहा जायेगा। वहाँके जापानी बाशिन्दे, अपनी धन-सम्पत्तिको बचाने के लिए, अन्य जापानियोंपर प्रतिबन्ध लगानेके लिए राजी हो गये—बहुत सम्भव है कि यह नीति