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४४४. खादी कर्मचारी मण्डलके सम्बन्धमें

अखिल भारतीय चरखा संघकी कार्यसमितिकी एक बैठक हालमें ही हुई थी। उसमें खादी कर्मचारी मण्डलकी स्थापना करनेके विषयमें चर्चा की गई थी। संघने उसकी योजनाका मसविदा बनानेके लिए एक समिति नियत की। उस योजनाको खादीके कार्यकर्त्ताओंमें प्रचारित करनेका सबसे अच्छा और सस्ता साधन है, उसे समाचारपत्रों में प्रकाशित कर देना । इसलिए उस योजनाके मसविदेका अनुवाद नीचे दिया जाता है। मुझे आशा है कि खादीमें रुचि रखनेवाले सभी कार्यकर्त्ता अपनी-अपनी विचारपूर्ण सम्मति, जितनी जल्दी हो सके, लिख भेजेंगे। मैं राष्ट्रीय विद्यालयोंके शिक्षकों और विद्यार्थियोंकी सम्मति खासकर माँगता हूँ। इस कर्मचारी मण्डलके विस्तारकी जबरदस्त गुंजाइश है। जो, केवल जीवन-वेतन लेकर करोड़ोंकी सेवा करने के इच्छुक हैं, उन लोगोंको यह योजना आकर्षक और सन्तोषजनक मालूम होगी। शिक्षकों और विद्यार्थियोंकी सलाह समुचित योजना बनानेमें कार्यवाहक मण्डलको बड़ी उपयोगी सिद्ध होगी ।

खादी कर्मचारी मण्डल

अखिल भारत चरखा संघके अधीन एक 'खादी कर्मचारी मण्डल' स्थापित होगा।

भविष्यमें कोई भी ऐसा आदमी इस मण्डलमें दाखिल न किया जायेगा, जिसे साबरमती सत्याग्रह आश्रम स्थित चरखा संघ के शिक्षण विभागसे प्रमाणपत्र न मिला हो।

उम्मीदवारोंकी योग्यता

जिसकी उमर १६ सालसे कम हो, जिसे अपने प्रान्तकी भाषा और अंकगणितका काफी ज्ञान न हो, जो अपनी सच्चरित्रताका सन्तोषजनक प्रमाणपत्र न दे सके और जिनका स्वास्थ्य ठीक न हो ऐसे किसी व्यक्तिको तालीमके लिए भरती नहीं किया जायेगा।

शिक्षा

शिक्षाका क्रम दो सालसे कमका न होगा और उसमें नीचे लिखी बातें होंगी:

(क) बुनाईतक कपासकी सारी क्रियाएँ अर्थात् कपास चुनना, ओटना, धुनना, सूत कातना और बुनना।
(ख) अहिन्दी प्रान्तोंसे आनेवाले सभी उम्मीदवारोंके लिए हिन्दी या हिन्दुस्तानी भाषाका ज्ञान।
(ग) देशी और अंग्रेजी दोनों पद्धतियोंमें बहीखाता लिखनेका ज्ञान।

इन बातोंमें निपुणताका प्रमाणपत्र मिल जानेपर उम्मीदवारको किसी भी प्रान्तके खादी कार्यालयमें व्यावहारिक ज्ञान पानेके लिए भेजा जायेगा। वहाँ उसे एक सत्र