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सन्देश : आफ्रिकी शिष्टमण्डलको

यदि अब भी कुछ पूछनेको बाकी हो तो जबतक तुम्हारा समाधान न हो तब तक पूछते ही रहना।

बापूके आशीर्वाद

श्री पुरुषोत्तम पटवर्धन

(भाईश्री अप्पा)
श्री तिलक राष्ट्रीय शाला

रत्नागिरी

गुजराती पत्र (एस० एन० १२२८१) की फोटो-नकलसे।

४३५. तार : ए० ए० पॉलको

[१५ सितम्बर, १९२६][१]

ए० ए० पॉल

'इंटरनेशनल फेलोशिप कॉन्फ्रेन्स'

चित्तूर,

पत्र[२] मिल गया था। खेद है, नहीं आ सकता। सम्मेलनकी सफलताकी कामना करता हूँ। हम सब अन्तर्राष्ट्रीय भ्रातृत्व ही तो चाहते हैं। इसके बिना हम मनुष्योंकी तरह नहीं जी सकते।

गांधी

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ११३७६) की फोटो-नकलसे।

४३६. सन्देश : आफ्रिकी शिष्टमण्डलको

आश्रम
साबरमती
१५ सितम्बर, १९२६

संघ सरकारकी ओरसे जो दक्षिण आफ्रिकी शिष्टमण्डल भारत आ रहा है[३], अनेकानेक लोगोंके साथ स्वर मिलाकर मैं भी उसका स्वागत करता हूँ। हमें चाहिए कि हम उसके प्रति अधिकसे-अधिक सद्भावना प्रदर्शित करें; लेकिन हम खयाली

  1. पॉलके लिखे. ६ तारीखके पत्रपर जवाबकी यह तारीख दी हुई है।
  2. पत्रमें गांधीजीसे ८ से १० अक्तूबरको चित्तूरमें होनेवाले 'इंटरनेनशल फेलोशिप कॉन्फ्रेंस' में भाग लेनेका अनुरोध किया गया था। गांधीजीका १० जुलाईका पत्र भी देखिये।
  3. यह १९ सितम्बर, १९२६ को भारत पहुँचा था।