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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

क्यों, आप पण्डित मोतीलालजीको तथा अन्य अनेक नेताओंको, जिनको भी आप ठीक समझें, निमन्त्रित कर सकते हैं। आगामी वर्ष यदि आप मुझसे ऐसा आग्रह करेंगे तो आपको निराश नहीं होना पड़ेगा। इस वर्ष तो आप स्वयं ही समझ सकते हैं कि यह असम्भव है।

हृदयसे आपका,

श्रीयुत एस० डी० देव

खादी प्रदर्शनी

अहमदनगर

अंग्रजी प्रति (एस० एन० १९६८१) की फोटो-नकलसे।

४१३. पत्र : देवराजको

आश्रम
साबरमती
९ सितम्बर, १९२६

प्रिय मित्र,

आपका पत्र मिला। आपसे खुद मुलाकात किये बिना, आपको बिलकुल ठीक-ठीक सलाह देना सम्भव नहीं है। परन्तु मौटे तौरपर नीचेकी हिदायतोंपर अमल करके देखा जा सकता है। खुली हवामें रहें और सोयें। सादेसे-सादा, और सदा थोड़ी भूख बचाये रखकर बिना मसालेका भोजन करें। सूर्यास्तके पश्चात् भोजन न किया जाये। नमकसे परहेज करें, ताजे फल खूब खाइये और दूधमें थोड़ा पानी मिलाकर पीजिये। दूध गर्म करते समय उसे बहुत गाढ़ा मत कीजिए। हलका प्राणायाम करना चाहिए। शारीरिक श्रम थोड़ा-बहुत ही सही, नित्य करना चाहिए, अगर सम्भव हो तो एकान्तमें···[१] यदि आपको एकान्त सहन हो तो। अच्छे चरित्रवान् लोगोंके साथ बैठने-उठने तथा अच्छा साहित्य पढ़नेकी आदत डालें।

हृदयसे आपका,

श्री देवराज

वेगन मूवमेंट एक्सपेरीमेंट
डी० एस० ऑफिस

कराची

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० १९६८२) की माइक्रोफिल्मसे।

  1. साधन-सूत्रमें यहाँ कुछ शब्द छूटे हुए हैं।