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पत्र : कालूराम बाजोरियाको

वैद्य मानता हूँ। मैं अपने रोगीको जानता हूँ और इसीलिए उसे आराम दे रहा हूँ। आपकी ‘क्रॉनिकल' को नीलाम कर देनेकी बात मुझे तो पसन्द ही आयेगी। इसे कोई खरीदेगा नहीं। इसलिए अच्छा यही होगा कि आप डिवेंचर [ऋणपत्र] जारी कर इसे स्वयं खरीद लें।

श्रीयुत नौरोजी एच० बेलगाँववाला

२३७, फीयर रोड

फोर्ट, बम्बई

गुजराती प्रति (एस० एन० १२२६८) की फोटो-नकलसे।

३९३. पत्र : कालूराम बाजोरियाको

आश्रम
साबरमती
मंगलवार, श्रावण अमावस्या, ७ सितम्बर, १९२६

भाईश्री ५ कालूराम,

आपका पत्र मिला। यदि पुनविवाह न करनेका आपका आग्रह है और यदि यही आपके अन्तःकरणकी आवाज है तो इसे आपको निश्चयपूर्वक सबके सामने प्रकट कर देना चाहिए। इस बारेमें मुझे तनिक भी शंका नहीं है। देशकी हालत बहुत ही दयनीय है। पर कभी-कभी मौनसे भी काम सरता है। मुझे विश्वास है कि मेरे मौनसे इस समय ऐसा ही हो रहा है।

श्री कालूराम बाजोरिया

द्वारा जीवराज रामकिशनदास
नं० २६/१ आरमीनियन स्ट्रीट

कलकत्ता

गुजराती प्रति (एस० एन० १२२७०) की माइक्रोफिल्मसे।