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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

हिन्दू मतदाता आपके मुसलमान होनेको आपकी नाकाबलियत न समझेंगे। अगर आप ऐसा करते तो मेरे खयालसे आपके ऐलानपर किसीको कोई एतराज न होता। लेकिन मौजूदा शक्लमें मुझे उसके खिलाफ राय देनी ही पड़ेगी। लेकिन मैं तो पक्का असहयोगी हूँ, इसलिए अगर आपका ऐलान बिलकुल नाकाबिल एतराज ही होता तो भी मैं उसकी ताईदमें आपको छपानेके लिए किसी भी सूरतमें कुछ भी लिखकर न देता।

दिलसे आपका,

श्री अली हसन, बैरिस्टर

बैंक रोड

पटना

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ११०८३) की माइक्रोफिल्मसे।

३५९. पत्र : आर० ए० ऐडम्सको

आश्रम
साबरमती
२६ अगस्त, १९२६

प्रिय मित्र,

मुझे आपका पत्र पिछले सप्ताह यथासमय मिल गया था। लेकिन मैंने यह सोचकर उसका उत्तर अबतक नहीं दिया कि 'बाइबिल' की प्रतियोंका[१] पार्सल मिल जायेगा, तभी आपको इसकी पहुँच दे दूंगा। पार्सल अभीतक नहीं मिला है। अतः विद्यार्थियोंको शायद अगले शनिवारको भी अपनी-अपनी 'बाइबिल' के बिना ही काम चलाना पड़ेगा। मुझे अब पता चला है कि आपने वह पार्सल मालगाड़ीसे भेजा है और मालसे पार्सल आनेमें काफी समय, कभी-कभी पूरा महीनातक, लग जाता है। पार्सल मिल जानेपर में ७ अतिरिक्त प्रतियोंका खयाल रखूंगा।

हृदयसे आपका,

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० १०९८७) की माइक्रोफिल्मसे।

  1. देखिए, "पत्र: आर० ए० ऐडम्सको", १८-८-१९२६ ।