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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

कि मोतीका कर्त्तव्य है कि वह १ तारीखतक भड़ींच अथवा बड़ौदा पहुँच जाये। इसके अलावा मैं इस समय वेलाबहनका जो उपचार कर रहा हूँ उसमें भी तुम्हारी उपस्थितिसे वेलाबहन और मुझे दोनोंको बहुत सुविधा होगी।

गंगाबहनकी समस्या लगभग हल हो गई है। बीजापुरके मकानका कब्जा मिल गया है। आवश्यक सामान भी ले लिया गया है। लेकिन अन्य लोगोंके भरोसे रहने के कारण कुछ काम अभी बाकी रह गया है।

तुमने मगनलालको रुईके बारेमें जो पत्र लिखा है मैं तुमसे उसपर कुछ विस्तारसे बात करना चाहता हूँ। में पूरी बात समझ नहीं पाया हूँ। शेष मिलनेपर।

श्रीयुत लक्ष्मीदास पुरुषोत्तम

जयाजीराव कॉटन मिल्स

ग्वालियर

गुजराती प्रति (एस० एन० १२२५८) की फोटो-नकलसे।

३५१. पत्र : अवन्तिकाबाई गोखलेको

आश्रम
साबरमती
बुधवार, श्रावण बदी २ [२५ अगस्त, १९२६]

प्रिय बहन,

साथके पत्रको पढ़कर उसे अपने उत्तर सहित वापस भेज दें। उम्मीद है, आपकी और गोखलेजीकी तबीयत ठीक होगी।

आप यह तो जानती ही होंगी कि देवदास फिलहाल शिमलामें है।

श्रीमती अवन्तिकाबाई गोखले

आत्माराम मेन्शन
गिरगाँव

बम्बई

गुजराती प्रति (एस० एन० १२२५७) की माइक्रोफिल्मसे।