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पत्र : डा० मुरारीलालको

लिए कहा है कि आपने जो आँकड़े दिये हैं क्या वे केवल उन वर्गोंकी विधवाओंके हैं जिनमें पुनर्विवाहकी मनाही है। यह एक स्पष्ट करने योग्य मुद्दा है।

हृदयसे आपका,

सर गंगाराम के० टी०, सी० आई० ई०, एम० वी० ओ०

आमडेल कुटीर

शिमला पूर्व

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० १०९८२) की फोटो-नकलसे।

३२८. पत्र : डा० मुरारीलालको

आश्रम
साबरमती
१७ अगस्त, १९२६

प्रिय डा० मुरारीलाल,

मैंने प्रदर्शनी समितिपर बम्बईकी राष्ट्रीय स्त्री सभाके बकाया रुपयोंके बारेमें एक पत्र[१] लिखा था। मुझे उसकी पहुँच अभीतक नहीं मिली है। अब मुझे श्री कोटककी एक शिकायत मिली है। उन्होंने लिखा है कि उनका भी कुछ रुपया बकाया है और उनके रजिस्ट्री पत्रोंतककी पहुँच नहीं दी जाती। इस लापरवाहीका कारण क्या है? क्या कांग्रेससे सम्बन्धित कामोंको निबटाने और बिलकुल जरूरी पत्रोंका उत्तर देनेकी जिम्मेदारी सँभालनेवाला कोई भी मनुष्य वहाँ नहीं है? जैसे भी हो, कुछ समय निकालें और इन छोटी-छोटी बातोंकी ओर अवश्य ध्यान दें।

हृदयसे आपका,

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ११२२६) से।

  1. देखिए “पत्र : डा० मुरारीलालको”, २८-७१९२६ ।