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३१८. पत्र : मोतीबहन चोकसीको

आश्रम
साबरमती
बृहस्पतिवार, श्रावण शुक्ल ४, [ १२ अगस्त, १९२६][१]

चि० मोती,

वेलाबहन तुम्हें देखनेका बहुत आग्रह कर रही हैं; इसलिए यदि आ सको अर्थात् तुम्हें आनेकी अनुमति आसानी से मिल सके तो आ जाओ। लक्ष्मीदासको आने में अभी थोड़ा समय लगेगा। आशा है तुम्हारी तबीयत अब अच्छी हो गई होगी। तुम्हारे पत्रकी उम्मीद तो अब कर ही कैसे सकता हूँ?

बापूके आशीर्वाद

गुजराती पत्र (एस० एन० १२१३५) की फोटो-नकलसे।

३१९. पत्र: फूलचन्द शाहको

साबरमती
१२ अगस्त, १९२६

भाईश्री फूलचन्द,

इसके साथ मणिकलालका पत्र भेज रहा हूँ। इसमें दिये गये सुझावके अनुसार यदि तुम्हें यह लगे कि रामदासको वहाँ जाना चाहिए तो तुम उसे जानेके लिए लिख देना। मैंने उसे लिख दिया है कि वह तुम्हारे कहनेके मुताबिक काम करे । अतः जैसा उचित हो वैसा करना।

बापू

गुजराती पत्र (एस० एन० १२२४७) की माइक्रोफिल्मसे।

  1. साधन-सूत्र में १३ तारीख दी गई है; लेकिन आवण शुक्ल ४, बृहस्पतिवार, १२ अगस्तको थी।