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२७१♦ पत्र : ख्वाजाको
२ अगस्त, १९२६
ख्वाजा,
आपका खत मिला। इसीलीये मैंने लीखा था कि अगर आप मानें कि आपकी किताब इस्लामके लिये अच्छी न थी। हित है आप इसे खींच लें। न मेरे लिये और कोई दूसरोंके लिये। मुझे कुछ पता नहीं कि आर्या कोई बड़े मुस्लीमको आर्य बना रहे है। आजकल बहोतसी बातें चल रही हैं। जिनका न मान है न निशान है।
आपका,
गांधी
[ मूल पत्र ]
महादेव देसाईकी हस्तलिखित डायरीसे।
२७२. पत्र : छगनलाल पी० नाणावटीको
आश्रम
साबरमती
मंगलवार, आषाढ़ बदी १०, ३ अगस्त, १९२६
भाईश्री छगनलाल,
आपका पत्र मिला। फिलहाल तो आपकी रकम छात्रवृत्ति खाते में जमा करवा पाने लायक कोई न कोई तो मिलेगा ही। देता हूँ।
श्री छगनलाल पी० नाणावटी
नवसारी बिल्डिंग
हॉर्नबी रोड
गुजराती प्रति (एस० एन० १२२३२) की माइक्रोफिल्मसे।