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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

जाने लगे तब आप समुचित सुधारके साथ उसका मसविदा भेज दें, या हो सकता है तबतक नई परिस्थितियोंके अनुसार नया मसविदा ही आवश्यक हो जाये[१]

हृदयसे आपका,

मा० वि० झ० पटेल

"सुखडैल"

शिमला

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ११३२६) की फोटो-नकलसे।

२६६. पत्र : प्रभाशंकर पट्टणीको

आश्रम
साबरमती
रविवार, आषाढ़ बदी ८, १ अगस्त, १९२६

सुज्ञ भाईश्री,

आज आपके नाम मिला तार इसके साथ भेजता हूँ। एक क्षणके लिए मुझे यह खयाल आया था कि इसे खोलकर इसका मजमून तारसे आपको भेज दूं; लेकिन मैंने फिर सोचा कि जिस मनुष्यको अभीतक आपके यहाँसे चले जानेकी बात भी मालूम नहीं, उसके तारमें कोई बहुत महत्त्वपूर्ण बात होनेकी सम्भावना नहीं है।

मोहनदासके वन्देमातरम्

सर प्रभाशंकर पट्टणी
पोरबन्दर

गुजराती प्रति (सी० डब्ल्यू० ३२०४) की फोटो-नकलसे तथा एस० एन० १२२३१ और जी० एन० ५८९० से।

सौजन्य : महेश पट्टणी

  1. श्री पटेलने २८ अगस्तको एक और चैक भेजते हुए गांधीजीको पत्र लिखा था (एस० एन० ११३२९ )।