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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

प्रति अन्धभक्ति तर्कके प्रति अन्धभक्तिसे ज्यादा खराव है। सच बात तो यह है कि तर्कके प्रति अन्धभक्ति जैसी कोई चीज है ही नहीं।

परन्तु उक्त शिक्षककी तर्क सम्बन्धी चेतावनीसे एक निष्कर्षं अवश्य निकलता है। यह देखते हुए कि अधिकांश रूपसे तर्क व्यवहारका एकमात्र पथप्रदर्शक है, यह आवश्यक है कि उसके मन्त्री आज्ञाकारी एवं शुद्ध हों। इसलिए इन्द्रियोंको कठोर संयम द्वारा वशमें कर लिया जाना चाहिए। ताकि वे सही तर्कोंका खुशीसे पालन किया करें, न कि उलटे, विवेकको उनका निस्सहाय गुलाम होना पड़े।

माना, कि बच्चेकी विवेक-शक्ति सुषुप्तावस्थामें होती है, परन्तु एक सचेत शिक्षक उसे प्रेमसे जाग्रत करके उसे शिक्षित बना सकता है। वह बच्चेमें संयमकी टेव डाल सकता है, ताकि बुद्धि इन्द्रियोंके वशीभूत न होकर, बचपनसे ही उसकी पथ-प्रदर्शक बन जाये। बच्चोंसे किसी वीरका अनुसरण करनेको कहना कोई संयम नहीं है। इससे किसी आदतका बीजारोपण नहीं होता। वे बच्चे, जिन्हें किसी कामको बिना सोचे-समझे करना सिखा दिया जाता है, काहिल हो जाते हैं। और यदि दैवात् दूसरा कोई शिक्षक उन बच्चोंके चित्त-रूपी सिंहासनसे उस वीरको च्युत करा दे, जिसको पहला शिक्षक वहाँ आसीन कर गया था, तब तो अपने भावी जीवनमें किसी कामके नहीं बचते। यदि शुरूसे ही, जो कुछ उनसे कहा जाये, अच्छी तरह समझ कर कहा जाये और उनके सामने उन पुरुषोंके उदाहरण पेश किये जायें, जिन्होंने महान काम किये हैं ताकि उनके संकल्पमें दृढ़ता आये या विवेककी पुष्टि हो, तो सम्भव है कि वे शक्तिशाली और चारित्र्यवान नागरिक बनें और कठिन अवसरोंपर दृढ़ रह कर अपना मुख उज्ज्वल करें।

[ अंग्रेजीसे ]
यंग इंडिया, २९-७-१९२६
 

२३४.अखिल भारतीय तिलक स्मारक कोष

अवैतनिक कोषाध्यक्षों द्वारा अखिल भारतीय तिलक स्मारक कोषके[१] ३० सितम्बर १९२५ के अन्त तकके विस्तृत हिसाबका एक चिट्ठा प्रस्तुत किया गया है। इस चिट्ठेकी जाँच श्री दलाल और श्री शाहने की है। श्री दलाल और श्री शाह 'इंकॉरपोरेटेड अकाउंटेंट्स' (लन्दन) के लेखा-निरीक्षक हैं। उन्होंने कहा :

हम मध्यप्रदेश (हिन्दुस्तानी), मध्यप्रदेश (मराठी), बरार, बर्मा और असमको कमेटियोंके अतिरिक्त अन्य सब प्रान्तोंकी कमेटियोंके दफ्तरोंमें गये। यद्यपि हम केरल प्रान्तीय कमेटीके दफ्तरमें भी गये थे; किन्तु तबतक उसका हिसाब तैयार नहीं हुआ था, इसलिए हम उसके हिसाबकी जाँच नहीं कर सके। किन्तु मध्यप्रदेश (हिन्दुस्तानी), बरार, असम और बर्माकी प्रान्तीय कांग्रेस कमेटियोंके

  1. देखिए खण्ड २८।