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अनीतिकी राहपर—४

कि उन्हें इस आत्मत्यागका पुरस्कार हृष्टपुष्ट शरीर तथा दिनपर-दिन बढ़ती हुई स्फूतिके रूपमें मिलेगा।'

यह बात जितनी बार कही जाये थोड़ी है कि 'ब्रह्मचर्य और परिपूर्ण पवित्रताका शरीर-शास्त्र और नैतिकताके नियमोंसे पूरा-पूरा सामंजस्य है और यह भी कि विषयभोगको जिस तरह नैतिक अथवा धार्मिक आधारपर उचित नहीं ठहराया जा सकता उसी प्रकार उसे शारीरिक या मानसिक आधारपर भी उचित नहीं ठहराया जा सकता।'

लन्दनके रायल कालेजके प्रोफेसर सर लायनेल बिल कहते हैं कि 'श्रेष्ठसे-श्रेष्ठ और शरीफसे-शरीफ पुरुषोंके उदाहरणने यह अनेक बार सिद्ध कर दिया है कि बड़ेसे-बड़े विकार भी सच्चे और मजबूत दिलसे तथा रहन-सहन और पेशके बारेमें उचित सावधानी रखने से रोके जा सकते हैं। यदि संयमका पालन कृत्रिम साधनोंसे ही नहीं, बल्कि स्वेच्छासे आदतमें दाखिल करके किया जाता है तो उससे नुकसान नहीं पहुँचता। संक्षेपमें कौमार्य कोई बड़ी कठिन बात नहीं है; अलबत्ता उसे किसी मनोवृत्तिका स्थूल परिचायक होना चाहिए।... पवित्रताका अर्थ कोरा विषय-निग्रह हो नहीं है, बल्कि विचारोंमें शुचिता तथा वह शक्ति भी है, जो कि अटल विश्वासका ही परिणाम है।'

स्वीडनका तत्ववेत्ता फॉरल अपने ज्ञानके अनुरूप संयमके साथ यौन विकृतियों को समझाते हुए कहता है कि 'व्यायामसे सभी प्रकारकी स्नायविक दुर्बलता हटकर शक्ति बढ़ती है। उसके विपरीत किसी क्षेत्र विशेषकी अप्रवृत्ति उसके उत्तेजित करनेवाले उन कारणोंके प्रभावको दबा देती है जो प्रवृत्तिके साथ उत्पन्न होते हैं।'

विषय-सम्बन्धी सभी उत्तेजक बातें इच्छाको अधिक प्रबल कर देती हैं। उन बातोंसे बचनेका फल यह होता है कि वे मन्द हो जाती हैं और इस प्रकार इच्छा धीरे-धीरे कम हो जाती है। युवक लोग यह समझते हैं कि विषय-निग्रह असाधारण एवं असम्भव है वे लोग जो संयमसे स्वयं रहते हैं, सिद्ध करते हैं कि पवित्रताका जीवन तन्दुरुस्तीको कोई भी हानि पहुँचाये बिना बिताया जा सकता है।

रिबिंग कहता है, 'मैं २५-३० वर्षके और इससे भी अधिक आयुके ऐसे लोगों को जानता हूँ जिन्होंने पूर्ण संयम रखा है और ऐसे लोगोंको भी जानता हूँ जो विवाहके पूर्व पूरे संयमी रहे हैं। ऐसे पुरुषोंकी कमी नहीं है। यह जरूर है कि वे अपना ढिंढोरा नहीं पीटते।'

मन और शरीरसे पूरी तरह स्वस्थ बहुत-से विद्यार्थियोंने खानगी रूपसे मुझे बताया है और उन्होंने इस बातपर आपत्ति की है कि मैंने विषय संयमके सुखसाध्य होनेपर काफी जोर नहीं दिया है।