पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 31.pdf/१३७

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१०१
पत्र : प्रभाशंकर पट्टणीको

सम्भावना है। आपने मुझसे मेरे स्वास्थ्यके विषयमें सब कुछ जानना चाहा है। लेकिन बताने लायक कुछ है नहीं; फिलहाल स्वास्थ्य बिलकुल ठीक लगता है।

हृदयसे आपका,

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० १९६५६) की माइक्रोफिल्मसे।

११३. पत्र : कुमारी कैथरीन मेयोको

आश्रम
साबरमती
७ जुलाई, १९२६

प्रिय बहन,

आपका दूसरा पत्र[१] मुझे मिल गया है। संक्षिप्त टीपें आवश्यकतानुसार संशोधित-परिवर्धित करके आपको डाकसे भेज दी गई थीं। आशा है वे आपको मिल गई होंगी। यदि न मिली हों तो कृपया सूचित कीजिए। मैं समझता हूँ कि मूल प्रति अभी सुरक्षित है। न मिली हों तो लिखिए क्योंकि जो टीपें भेजी थीं उन्हें फिर विस्तारसे लिखा गया है। इसलिए यदि अबतक आपको न मिली हों तो आप कृपया परिवर्धित प्रतिका इन्तजार कीजिए।

हृदयसे आपका,

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० १०७७८) की फोटो-नकलसे।

११४. पत्र : प्रभाशंकर पट्टणीको

आश्रम
साबरमती
७ जुलाई, १९२६

सुज्ञ भाईश्री,

मैंने बहुत समयसे एक अच्छे ढेढ़ बुनकरके पत्रको सँभालकर रखा है और वह इसलिए कि उसका एक अवतरण मैं आपको भेजना चाहता था। आपके स्वास्थ्यकी वर्तमान अवस्थाको ध्यान में रखते हुए कदाचित् मेरा आपको यह लिखना उचित नहीं

  1. कैथरीन मेयोने अपने २६ मईके पत्रमें लिखा था कि उनके और उनके मित्रोंके समक्ष गांधीजी द्वारा किये गये प्रवचनके विवरणकी उनकी टीपें लौटाना गांधीजीके सचिव भूल गये थे। गांधीजीने वे टीपें माँगी थीं। कुमारी मेथोने लिखा था कि वे अब या तो उनके पास संशोधित-परिवर्धित करके भेज दी जायें या फिर गांधीजी लिखें कि वे सही हैं। (एस० एन० १०७५४)