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परिशिष्ट

(घ) कौंसिलके गैर-सरकारी सदस्योंकी नामजदगीके चलनका खात्मा और नामजद गैर-सरकारी सदस्योंकी सारी जगहोंको आम मतदाताओं द्वारा चुनाव करवा कर भरना।

(३) किसी भी प्रान्तीय सरकारके किसी कार्यके, संकल्प २ में बताये गये अनुसार, सन्तोषजनक होनेकी सिफारिश उस प्रान्तकी विधान परिषद्के कांग्रेसी सदस्य कार्य समितिके पास करेंगे और वह कार्य सन्तोषजनक है या नहीं, इसका अन्तिम निर्णय कार्य-समिति ही करेगी।

६. प्रतिसहयोगियोंकी अस्वीकृति

अपने उत्तरमें श्री जयकर और उनके सहयोगियोंने बताया कि:

हमने मसविदेपर ध्यानपूर्वक विचार किया। यह मसविदा हमें समझौतेका उपहास और उसे पूरी तरह नकारने-जैसा लगा। हमारा विचार है कि ऐसा कोई सामान्य आधार प्रस्तुत नहीं किया गया है जिसको दृष्टिमें रखते हुए आपसमें मिल-बैठकर बातचीत करनेसे हमारा कोई लाभ हो सकता हो। इन परिस्थितियोंमें हमारी राय यही है कि कार्य-समितिकी आज सुबहकी बैठकमें हमारे शरीक होनेसे कोई फायदा नहीं होगा और इसलिए हमने इस बैठकमें हिस्सा न लेनेका निर्णय किया है। हमें लगता है कि हमें अपने-अपने घरोंसे इतनी दूर अहमदाबाद बुलानेकी कोई जरूरत नहीं थी, क्योंकि इस मसविदेमें हमारे साथ सिर्फ मजाक ही तो किया गया है।

[अंग्रेजीसे]
इंडियन रिव्यू, अप्रैल और मई, १९२६