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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

  और कुछ भी स्थायी और अनश्वर नहीं है और इसलिए हमारे हाथमें तो बस इतना ही है कि परिणामोंकी कोई चिन्ता किये बिना हम ईमानदारी और नम्रताके साथ ईश्वरकी इच्छाका पालन करनेके लिए श्रम करते रहें।

इस दुर्घटनाके कारण जिन कार्योंमें व्यवधान पड़ गया है, उन्हें यथासम्भव शीघ्रसे-शीघ्र पुनः प्रारम्भ कर देनेके लिए समाजके सदस्यगण बड़े साहस और बहादुरीके साथ प्रयत्नशील हैं। प्रश्न यह है कि इसमें जनता किस प्रकार सहायता करेगी। भारतके कई स्थानोंसे आश्वासन आये हैं। आशा करनी चाहिए कि ये आश्वासन अविलम्ब और बिना किसी दिखावे या झंझटके पूरे कर दिये जायेंगे। समाजके राजनीतिक दृष्टिकोणसे कोई चाहे जितना भी असहमत हो, इससे कौन इनकार कर सकता है कि उसके सदस्य ईमानदारी और निस्वार्थ भावसे समाजके लिए श्रम कर रहे है और वे सब सच्चे देशभक्त हैं? इसके महान् सामाजिक कार्य, जो किसी भी तरह राजनीतिक कार्योंसे कम महत्त्व नहीं रखते, बेजोड़ हैं। मुझे आशा है कि 'यंग इंडिया' के पाठक समाजकी अपीलपर चन्दा भेजकर इसकी सेवाओंके प्रति अपनी कद्रदानीका और जहाँ-कहीं वे इसके राजनीतिक विचारोंसे असहमत हों वहाँ अपनी सहिष्णुताका परिचय देंगे।

मैसूरमें चरखा

जिला कांग्रेसमें भाषण देते हुए जिलेके डिप्टी कमिश्नर और मैसूर जिला बोर्डके अध्यक्षने बताया कि कताई एक उपयोगी सहायक धन्धा है और गरीब परिवारोंके लिए पारिवारिक आयमें वृद्धि करनेकी दृष्टिसे तो विशेष रूपसे उपयुक्त है। कताईके गुण बाते हुए उन्होंने स्थानीय संस्थाओं और जन-सेवी लोगोंसे इसे तत्परताके साथ अपनानेका अनुरोध किया:[१]

यह अधिक लोकप्रिय बने और सभी लोग...इसे अपनायें, इसके लिए यह जरूरी है कि यजमान, साहूकार, बुद्धिवन्त आदि गाँवके सभी अगुआ लोग कताई शुरू करें। मैं तमाम नगर-परिषदों, पंचायतों, ग्राम-समितियों, सहकारी समितियों और अन्य संगठनोंसे अनुरोध करता हूँ कि वें चरखे जुटायें और उन्हें स्थानीय लोगोंके हाथ बेचें, अपने-अपने शहर या गाँवोंके लिए कमसे- कम एक बुनकर तैयार करें, उसे करघा दें और अपने यहाँके ऐसे लोगों द्वारा काते गये सारे सूतकी दुपट्टियाँ और तौलिये बनवायें, जो बुढ़ापे, कमजोरी, बीमारी या रोजगारके अभावमें कोई और व्यापार-धन्धा नहीं कर सकते हों। सरकारने अभी हालमें एक आदेश जारी करके यह वादा किया है कि वह बुनाई और कताईके लिए आयोजित प्रदर्शनियों और प्रतियोगिताओंका आधा खर्च उठायेगी। जिला बोर्डको उम्मीद है कि वह अगले साल इस घोषणाका पूरा लाभ उठा सकेगा।

  1. यहाँ भाषणके कुछ अंश ही दिये जा रहे हैं।