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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

अब यह लगभग निश्चित दीख रहा है कि मैं फिनलैंड नहीं जाऊँगा।

शेष फिर।

हृदयसे आपका,

माननीय वी॰ जे॰ पटेल


सुखडेल


शिमला

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ११३१९) की फोटो-नकलसे।

६२४. पत्र: उर्मिलादेवीको

साबरमती आश्रम
३ जून, १९२६

प्रिय बहन,

आपने मुझे बड़ा विषादपूर्ण पत्र लिखा है। जो भी हो, मुझे खुशी है कि आपकी बीमार बहनका देहावसान हो गया। अपने जीवनके अन्तिम कुछ महीने उन्हें अवश्य ही बड़ा कष्ट सहना पड़ा होगा। लेकिन परिवारके शेष लोगोंके बारेमें आपने मुझे जो समाचार दिया है, उससे मुझे बहुत दुःख हुआ है। सचमुच मेरी कामना है कि श्री दास[१] इंग्लैंड जाकर वहाँ काफी समयतक विश्राम करें। मैं बासन्ती देवी और श्री दासको भी लिख रहा हूँ। भास्करका क्या हाल है? भोंवल कैसा चल रहा है? ईश्वर आपके मनको शान्ति दे, जिसकी आज इन परेशानियों और चिन्ताओंके समय आपको सख्त जरूरत है। मुझे समय-समयपर हालचाल लिखती रहिए।

९९ फीसदी तो यही दीखता है कि मैं फिनलैंड नहीं जा रहा हूँ। शायद आपको मालूम होगा कि देवदासका अपेंडिसाइटिसका ऑपरेशन हुआ था। वह अब लगभग ठीक है। शायद आज उसे अस्पतालसे छुट्टी मिल जायेगी। वह स्वास्थ्यलाभके लिए मसूरी जायेगा। जमनालालजी मसूरीमें ही हैं। वह वहाँ उन्हींके साथ रहेगा। अस्पताल कैसा चल रहा है?

श्रीमती उर्मिला देवी

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ १९५९१) की फोटो-नकलसे।

  1. न्यायमूर्ति पी॰ आर॰ दास।