६२२. पत्र: मोतीलाल नेहरूको[१]
साबरमती आश्रम
३ जून, १९२६
आपके पत्रकी एक नकल मैंने विट्ठलभाईको भेज दी थी। उनके उत्तरकी[२] भी एक प्रति इस पत्रके साथ भेजी जा रही है।
आशा है, मसूरीमें रहनेसे आपको लाभ हो रहा है।
हृदयसे आपका,
पण्डित मोतीलालजी नेहरू
मसूरी
अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ११३१८) की फोटो-नकलसे।
६२३. पत्र: वी॰ जे॰ पटेलको
साबरमती आश्रम
३ जून, १९२६
आपका पत्र मिला। मैं आपके पत्रकी एक नकल फिर मोतीलालजीको भेज रहा हूँ। अखबारोंमें आपके इस दानकी सूचना प्रकाशित करनेसे पहले मैं अपने मनमें यह स्पष्ट कर लेना चाहता हूँ कि इसके सम्बन्धमें क्या करना है।
देवदाससे मैंने कह दिया है कि वह अपना काम जैसा ठीक समझे, उस तरह करे। मेरा खयाल है, आज अस्पतालसे उसे शायद छुट्टी मिल जायेगी। फिर सम्भावना यह है कि वह जमनालालजीके पास मसूरी चला जायेगा। मैं समझता हूँ शिमलाका वातावरण उसे रास नहीं आ रहा है।