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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

हो और अगर आपका ऐसा अटूट विश्वास हो कि उसकी दयासे सारे दुःख दूर हो जाते हैं तब तो बात दूसरी है।

हृदयसे आपका

श्रीयुत एस॰ अरुणाचलम्


९५१, वीवर स्ट्रीट
अलंतुर, सेंट टॉमस माउण्ट


मद्रास

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ १९५७६) की माइक्रोफिल्मसे।

५८९. पत्र: डॉ॰ माणिकबाई बहादुरजीको

साबरमती आश्रम
२८ मई, १९२६

आपका पत्र पाकर बड़ी प्रसन्नता हुई। मैं खादी प्रतिष्ठानसे आपको वैसा कोई चरखा भेजनेके लिए कह दूँगा, जैसा कि मेरा है। कहाँ भेजा जाये——पंचगनी या बम्बई? आपका उत्तर मिलनेपर मैं प्रतिष्ठानको लिखूँगा और अगर आपको जल्दी हो तो आप खुद ही प्रतिष्ठानको लिख दें। खादी प्रतिष्ठानका पता है——१७०, बहू बाजार स्ट्रीट, कलकत्ता।

पंचगनीमें आपके बगीचेमें जो फल लगनेवाले हैं, उनकी चर्चा पढ़कर तो मेरे मुँहमें पानी भर आया है। वहाँ, इस बारकी यात्रामें तो मैं महाबलेश्वर और पंचगनीके आसपासके सभी मनोरम दृश्योंको तो नहीं ही देख पाया। लेकिन, यह तो अवकाश होनेपर ही किया जा सकता है। आप सबको मेरा प्यार।

आपका,

डॉ॰ श्रीमती बहादुरजी


उमरा हाल


पंचगनी

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ १९५७७) की माइक्रोफिल्मसे।